एक कुत्ता, दो मालिक और थाने में बच्चों का रोना... हमीरपुर में लेब्राडोर डॉग पर कब्जे को लेकर हुए विवाद की ये है पूरी कहानी

Hamirpur News: जब बच्चों ने अपने 'शेरु' के लिए थाने में बहाए आंसू. हमीरपुर में लेब्राडोर डॉग के मालिकाना हक का दिल को छू लेने वाला विवाद, जिसे पुलिस ने गहन जांच के बाद सुलझाया.

Hamirpur News

नाहिद अंसारी

15 Oct 2025 (अपडेटेड: 15 Oct 2025, 05:57 PM)

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उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक लेब्राडोर ब्रीड वाले कुत्ते पर दो लोगों ने मालिकाना दावा किया है. इसे लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. फिलहाल इस विवाद के चलते कुत्ते को पुलिस की हिरासत में रखा गया और असली मालिक की पहचान के लिए दोनों पक्षों से प्रमाण पत्र और सबूत मांगे गए हैं. कुत्ते के इस अनूठे विवाद की खबर से थाने में लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. वहीं कुत्ते के मालिक होने का दावा करने वाले एक पक्ष के बच्चों का थाने में रो-रोकर बुरा हाल हो गया. वो कुत्ते को छोड़ने की गुहार पुलिसकर्मियों से लगा रहे थे. हालांकि आखिर में पुलिस ने सही जांच पड़ताल के बाद लेब्राडोर डॉग को उसके असली मालिक घनश्याम को सौंप दिया. 

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दोनों पक्ष के अलग-अलग आरोप

हमीरपुर के कुंडौरा गांव के रहने वाले किसान श्रीपत कुशवाहा की बेटी सेजल ने पुलिस को अपने कुत्ते के चोरी की शिकायत दर्ज कराई. इस दौरान सेजल ने बताया कि उनके लेब्राडोर कुत्ते को सुमेरपुर के रहने वाले एक घनश्याम नाम का व्यक्ति घर से खोलकर ले गया. दूसरी ओर घनश्याम का कहना था कि उसका पालतू लेब्राडोर लगभग पंद्रह दिन पहले लापता हो गया था. इस बीच उन्हें पता चला कि उनका पालतू कुत्ता कुंडौरा गांव में है. ऐसे में उन्होंने जाकर देखा तो वह श्रीपत कुशवाहा के दरवाजे पर बंधा हुआ था जिसे वह अपने साथ ले आए.

यह मामला तब और भी उलझ गया जब दोनों पक्षों ने कुत्ते को पुकारा और वो उनकी वाज सुन वहां पहुंच गया. जब घनश्याम ने कुत्ते को 'भूरा' नाम से पुकारा तो वह उनके पास भागा चला गया. वहीं, श्रीपत कुशवाहा की बेटी सेजल ने उसे 'शेरु' नाम से आवाज लगाई है तो वह उसकी ओर पूंछ हिलाकर घूमने लगा. इस दुविधा के चलते यह संदेह और बढ़ गया कि लेब्राडोर किसका है?

पुलिस ने असली मालिक का पता लगाने के लिए दोनों पक्षों से कुत्ते के पालन-पोषण संबंधी अन्य सबूत मांगे. किसान श्रीपत कुशवाहा ने दावा किया कि जिस पशु चिकित्सक से उन्होंने कुत्ते का बचपन से उपचार कराया है उसे वह सबूत के तौर पर ला सकते हैं. पुलिस ने डॉक्टर को थाने बुलाने के लिए कहा, ताकि वे लेब्राडोर के असली मालिक की पहचान कर सके. इसी प्रकार घनश्याम से भी अन्य सबूत मांगे गए थे. मामले की जांच के दौरान लेब्रा डॉग को पुलिस की देखभाल में थाने पर रखा गया था. इस दौरान पुलिस ने दोनों के दावों और सबूतों की जांच की जिसमें पता चला कि कुत्ते के असली मालिक घनश्याम ही हैं. इसके बाद पुलिस ने उन्हें उनका पालतू लेब्राडोर सौंप दिया.

यहां वीडियो में देखें किसने क्या-क्या कहा?

 

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