Abbas Ansari news: गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में मऊ के विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने फिलहाल उनकी जमानत याचिका पर राहत देने से इनकार कर दिया है और यूपी पुलिस को जांच जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है. अब्बास अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल को अब तक जांच के लिए रिमांड पर नहीं लिया गया है और कोई ठोस जांच नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि अब्बास रमजान से पहले जेल से बाहर आने की उम्मीद कर रहे थे. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "जो लोग धार्मिक अनुष्ठान करना चाहते हैं, वे किसी भी परिस्थिति में कर सकते हैं."
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10 दिनों में जांच रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिस्वर सिंह शामिल थे, ने यूपी पुलिस को निर्देश दिया कि अब्बास अंसारी के खिलाफ चल रही जांच को जल्द पूरा किया जाए और 10 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जाए. अदालत ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही उनकी जमानत याचिका पर विचार किया जाएगा.
यूपी सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) के. एम. नटराज ने बताया कि अब्बास अंसारी चार महीने से जेल में हैं, लेकिन इस मामले में अन्य चार आरोपी अभी भी फरार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अंसारी पर 10 से ज्यादा मामले दर्ज हैं और उन पर ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारियों को प्रभावित कर रिश्वत देने का आरोप भी है.
हाईकोर्ट से भी हो चुकी है जमानत खारिज
इससे पहले 18 दिसंबर 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने माना था कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में गंभीर आरोप लगे हैं और जांच अभी जारी है.
अब्बास अंसारी के खिलाफ 31 अगस्त 2024 को चित्रकूट जिले के कोतवाली करवी पुलिस स्टेशन में यूपी गैंगस्टर एंड एंटी- सोशल एक्ट, 1986 की धारा 2 और 3 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस एफआईआर में नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज़ खान और शहबाज़ आलम खान भी आरोपी हैं. इन पर रंगदारी और मारपीट का आरोप लगाया गया था.
6 सितंबर 2024 को अब्बास अंसारी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. जनवरी में उन्होंने कोर्ट में अपील की थी कि उन्हें वर्चुअल रूप से पेश होने की अनुमति दी जाए, क्योंकि उन्हें पुलिस एनकाउंटर का डर था.
अब 6 मार्च को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 6 मार्च तय की है. अब्बास अंसारी की कानूनी टीम का दावा है कि यूपी सरकार ने मामले में गलत हलफनामा दायर किया है और उनके खिलाफ कोई जांच बाकी नहीं है. दूसरी ओर, राज्य सरकार का कहना है कि अभी मामले में और स्पष्टीकरण की जरूरत है.
फिलहाल, अब्बास अंसारी को जेल में ही रहना होगा और उनकी जमानत याचिका पर अंतिम फैसला 6 मार्च को होगा.
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