UP News: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के RAU'S IAS स्टडी सेंटर में हुए हादसे में श्रेया यादव की भी मौत हुई थी. उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले की रहने वाली श्रेया सिर्फ 25 साल की थी. आज परिवार ने पैतृक स्थान पर नम आंखों के साथ श्रेया का अंतिम संस्कार कर दिया है. श्रेया की मां-चाची और बुआ का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता-चाचा और भाई के चेहरे पर खामोशी है. उनकी आंखों से सिर्फ आंसू ही आंसू बह रहे हैं.
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इस दौरान UP Tak ने श्रेया के परिवार वालों से बात की. श्रेया के पिता ने बताया, वह हमेशा कहती थी कि वह IAS अधिकारी बनेगी और परिवार का नाम रौशन करेगी. पिता अपनी बेटी श्रेया को याद करते हुए कहते हैं कि उनकी बेटी पढ़ाई में काफी तेज थी. अभी भी उनकी आंखों में बेटी का चेहरा आ रहा है. इस दौरान श्रेया के पिता ये भी कहते हैं कि वह चाहते थे कि उनकी बेटी का शव थोड़े और समय तक घर में रहे.
श्रेया के पिता पर इस समय क्या बीत रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह चाहते थे कि बेटी की अंत्येष्टि में थोड़ी और देरी हो जाए, जिससे उनकी बेटी थोड़ी देर और घर में रहे औऱ वह उसका चेहरा देख सके. श्रेया के पिता कहने हैं कि अब वह अपनी बेटी का चेहरा कभी नहीं देख पाएंगे. वह कहते हैं कि वह खुद को नहीं संभाल पा रहे तो परिवार को कैसे संभालेंगे.
भाई को हुआ था खतरे का एहसास
श्रेया यादव के भाई का नाम अभिषेक है. नम आंखों से अभिषेक भी अपनी बहन को याद कर रहा है. बचपन की सारी यादें एक-एक करके उसकी आंखों के सामने आ रही हैं. अभिषेक भी दिल्ली में रहकर Mass Communication की तैयारी कर रहा है.
अभिषेत ने बताया, वह एक महीने से घर पर था. उसे पता था कि लाइब्रेरी में पानी भर जाता है. मौत से एक दिन पहले उसके मन में आया भी कि वह अभी से बहन को सजग कर दे और बोल दे कि वह लाइब्रेरी में अभी नहीं जाए. मगर वह कर नहीं पाया. अभिषेक का कहना है कि आज उसकी बहन के साथ ये सब हुआ है. कल किसी की भी बेटी या बहन के साथ ये दुखद हादसा हो सकता है. इसलिए सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. श्रेया के चाचा धर्मेद्र यादव का कहना है कि इस केस में हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. ये हादसा नहीं बल्कि हत्या है.
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