Ghaziabad Flat Scheme: अगर आप गाजियाबाद में खुद का घर लेने की योजना बना रहे हैं और बजट भी सीमित है तो उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद (UPAVP) की यह नई पहल आपके लिए बेहतरीन अवसर बन सकती है. परिषद ने मंडोला योजना के अंतर्गत EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिए तैयार किए गए फ्लैट्स की बिक्री शुरू कर दी है
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यह योजना फिलहाल "पहले आओ, पहले पाओ" के सिद्धांत पर चलाई जा रही है, यानी जितना जल्दी आप आवेदन करेंगे, उतनी ही जल्दी आपको फ्लैट मिल सकता है. इच्छुक आवेदक www.upavp.in वेबसाइट पर जाकर ‘Online Registration For Plots/Houses/Flats’ लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.
फ्लैट्स से जुड़ी डिटेल्स
कुल फ्लैट्स की संख्या: 338
लोकेशन: गाजियाबाद
फ्लैट का आकार: लगभग 28.41 वर्ग मीटर
शुरूआती कीमत: ₹8.81 लाख
इस योजना को RERA (UPRERAPRM4243) के तहत रजिस्ट्रेशन प्राप्त है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि निर्माण और अलॉटमेंट की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और कानूनी है. ये फ्लैट्स मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए खासतौर पर डिज़ाइन किए गए हैं, ताकि वे भी अपने सपनों का घर सस्ते में खरीद सकें.
सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष ऑफर
इस योजना में सरकारी सेवकों को अतिरिक्त लाभ दिया जा रहा है. वे अगर फ्लैट की 50% राशि जमा कर देते हैं, तो उन्हें तुरंत कब्जा दिया जाएगा, जिससे घर लेना और भी आसान हो जाता है.
एकमुश्त भुगतान पर 5% की छूट
जो आवेदक पंजीकरण के बाद 60 दिनों के भीतर फ्लैट की पूरी राशि का एकमुश्त भुगतान करते हैं, उन्हें कुल कीमत पर 5% की विशेष छूट दी जाएगी. ध्यान रहे, यह छूट सिर्फ एकमुश्त भुगतान करने वालों को मिलेगी और किसी अन्य स्कीम के साथ नहीं जोड़ी जा सकती.
यूपी
जान लें क्या हैं पात्रता, नियम और शर्तें?
पात्रता: आवेदन करने वाला भारत का नागरिक होना चाहिए और आवेदन की आखिरी तारीख तक उसकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: जो लोग आवेदन करना चाहते हैं, वे परिषद की वेबसाइट www.upavp.in पर जाकर ‘Online Registration For Plots/Houses/Flats’ लिंक पर क्लिक करके आवेदन कर सकते हैं.
परिषद का अधिकार: खास हालात में आवास अधिकारी के पास फैसला करने का पूरा अधिकार होगा, और उनका फैसला अंतिम माना जाएगा.
नियमों में बदलाव: सरकार या परिषद जब भी नियम बदलती है, वो इस योजना पर लागू होंगे.
2016 के नियम: ऊपर बताये नियमों के अलावा अगर कोई और समस्या आए, तो परिषद के 2016 के बनाए नियम लागू होंगे.
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