सिद्धार्थनगर में 4 साल बाद कोर्ट ने चुनाव में हारे कैंडिडेट को विजेता घोषित किया, रीता देवी के केस में गजब फैसला आया

यूपी के सिद्धार्थ नगर जिले में चुनाव में हुई गड़बड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है. सिद्धार्थनगर जिले में चुनावी गड़बड़ी को लेकर किए गए केस में न्यायालय सत्र न्यायाधीश का फैसला आ गया है.

Rita Devi

अनिल तिवारी

01 Sep 2025 (अपडेटेड: 01 Sep 2025, 11:05 AM)

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देश में इस वक्त वोटों की कथित चोरी और चुनावों में गड़बड़ी का मामला छाया हुआ है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार चुनावों में इस बड़ा मुद्दा बना दिया है. इस बीच यूपी के सिद्धार्थनगर में भी चुनावों में हुई एक गड़बड़ी पर गजब का फैसला आया है. यहां चुनाव के करीब 4 साल बाद कोर्ट ने हारी हुई कैंडिडेट को विजेता घोषित कर दिया है. आइए आपको विस्तार से इस मामले की जानकारी देते हैं. 

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यूपी के सिद्धार्थ नगर जिले में चुनाव में हुई गड़बड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है. सिद्धार्थनगर जिले में चुनावी गड़बड़ी को लेकर किए गए केस में न्यायालय सत्र न्यायाधीश का फैसला आ गया है. 2021 में हुए पंचायत चुनाव में गड़बड़ी के मामले में 4 साल बाद केस की वादी और प्रत्याशी रीता देवी को विजेता घोषित किया है. यह मामला बांसी क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य चुनाव का है. यहां वॉर्ड नंबर 28 से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए सुनरा देवी और रीता देवी सहित 24 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा. ज़ब परिणाम आया तो सुनरा देवी पत्नी राम सवारे को 56 मतो से विजयी घोषित किया गया.

रीता देवी पहुंच गईं कोर्ट

इस फैसले से असंतुष्ट उम्मीदवार रीता देवी पत्नी गंगाराम इस मामले को लेकर कोर्ट पहुंच गईं. उन्होंने सत्र न्यायाधीश के यहां एक याचिका दाखिल की. इस मामले पर अब अपर जनपद न्यायाधीश मोहम्मद रफी ने फैसला सुनाया है. इस फैसले में रीता देवी को 5 मतों से विजयी घोषित किया गया. यह परिणाम सभी उम्मीदवारों को बूथवार मिले मतों की रीतकाउंटिंग के बाद घोषित किया गया. 

इसके बाद अपर जिलाधिकारी गौरव श्रीवास्तव ने कोर्ट से विजयी घोषित रीता देवी को प्रमाण पत्र सौंपा. रीता देवी ने एडवोकेट प्रमोद सिंह ने इस मामले से जुड़े हुए सभी तथ्यों की जानकारी दी है. उनके मुताबिक कोर्ट ने जिला निर्वाचन अधिकारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी और सम्बधित अधिकारियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है. वैसे ये फैसला एक बार फिर चुनावों में होने वाली धांधली को लेकर बहस को तेज करने वाला भी साबित हो सकता है.

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