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यूपी की राजनीति में आजकल ये सवाल काफी पूछा जा रहा है कि कि क्या सपा गठबंधन टूट की कगार पर पहुंच गया है? इस बीच विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लखनऊ में गुरुवार को हुए कार्यक्रम को भी गठबंधन और अखिलेश के कुनबे के सियासी मुकद्दर के नजरिए से देखा रहा है. अगर आपने इस कार्यक्रम के मंच को ध्यान से देखा हो तो यहां आपको केवल जयंत नज़र आ रहे होंगे. सपा गठबंधन का और कोई नेता नहीं. ना राजभर, ना शिवपाल और ना ही कोई और सहयोगी, जिससे गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं होने की चर्चाएं और तेज हो गईं हैं.
सवाल ये भी उठने लगे हैं कि क्या अखिलेश तन्हा हो गए हैं. लेकिन इस सवाल से पहले हम एक और तस्वीर पर आपकी तवज्जो चाहेंगे जो इसी कार्यक्रम से जुड़ी हुई है. यह तस्वीर है अखिलेश और आजम खान की. अभी ज्यादा दिन नहीं बीते जब आजम खान से अखिलेश यादव के रिश्तों में तल्खी की बात कही जा रही थी. यशवंत सिन्हा के कार्यक्रम में भले ही राजभर को ना बुलाए जाने को चर्चाएं हों, लेकिन उससे ज्यादा चर्चा सपा के वरिष्ठ नेता, मुस्लिमों के कद्दावर नेता आज़म खान की रही, जब वह जेल से छूटने के बाद पहली बार अखिलेश यादव संग किसी कार्यक्रम में नजर आए.
आजम खान न सिर्फ अखिलेश यादव के साथ मंच पर नजर आए, बल्कि जब आजम वहां से जाने लगे तो अखिलेश यादव उनको बाहर तक छोड़ने भी गए. इस खबर की शुरुआत में शेयर की गई वीडियो रिपोर्ट में आप अखिलेश और आजम खान की इस नई जुगलबंदी को देख सकते हैं. इस दौरान मीडिया ने आजम खान से ईडी को लेकर सवाल किया, तो उनका गुस्सा भी सामने आया.
दरअसल जौहर यूनीवर्सिटी से जुड़े एक मनी लॉड्रिंग केस में ईडी आज़म खान के बेटे और पत्नी से पूछताछ कर रही है. बुधवार को ईडी ने अब्दुल्ला से करीब 6 घंटे पूछताछ की थी और इसी मामले में तंजीम फातिमा को भी नोटिस भेजा गया है. ऐसे में आजम खान का भड़कना लाजमी था. खैर लौटते हैं वापस अखिलेश, आजम और सपा के सहयोगियों के मसले पर.
रामपुर उपचुनाव में जो कुछ भी हुआ उससे अखिलेश की दूरी, और आज़म खान की हार के बाद दोनों के रिश्तों को लेकर कई सवाल थे. ताजा तस्वीरों ने इसके उलट चर्चा शुरू कर दी है कि क्या वाकई आज़म के लिए अखिलेश और अखिलेश के लिए आज़म ज़रूरी हैं?
इस पूरी रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए वीडियो पर क्लिक कर देखा जा सकता है.