UP विधानसभा चुनाव में BJP का चेहरा कौन- मोदी या योगी? जानिए केशव प्रसाद मौर्य का जवाब
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा कि अगड़ी जातियों, पिछड़ी जातियों और अनुसूचित जातियों की त्रिवेणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के…
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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा कि अगड़ी जातियों, पिछड़ी जातियों और अनुसूचित जातियों की त्रिवेणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंदर समाई है और मोदी इन लोगों के अंदर समाए हैं, ‘इसलिए यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की भारी बहुमत से जीत सुनिश्चित है.’ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए गए इंटरव्यू में यह दावा किया.
पिछड़ी जाति के उत्तर प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों के बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी (एसपी) में जाने का हवाला देते हुए मौर्य से जब पूछा गया – यह धारणा है कि बीजेपी को पिछड़ों का समर्थन तब मिला जब साल 2017 के विधानसभा चुनाव में आपको प्रदेश अध्यक्ष बनाकर चुनाव लड़ा गया, लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चेहरा बन गए हैं तो बीजेपी के पक्ष में चुनाव परिणाम कैसा रहेगा? इसके जवाब में मौर्य ने कहा, ”बीजेपी के जो सर्वोच्च नेता हैं नरेंद्र मोदी जी, वह भारत ही नहीं पूरी दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय हैं, सारे देश का, उत्तर प्रदेश का जो वोटर है, मैं कहता हूं कि अगड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित की त्रिवेणी मोदी जी के अंदर समाई है और मोदी जी इन लोगों के अंदर समाए हैं.”
उत्तर प्रदेश के चुनाव में विरोधियों की किसी भी चुनौती को खारिज करते हुए मौर्य ने कहा कि साल 2019 के संसदीय चुनाव के दौरान भी इसी तरह के दावे किए गए थे, लेकिन जब नतीजे आए तो यह ‘खोदा पहाड़, निकली चुहिया’ जैसी स्थिति थी.
मौर्य ने यह भी दावा किया कि 10 मार्च के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस की प्रियंका गांधी के अलावा अन्य तथाकथित बीजेपी विरोधियों को नहीं देखा जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले नेताओं स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी पर कटाक्ष करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी मतदाता उनके साथ नहीं गया है.
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यूपी में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख पिछड़ा चेहरा केशव मौर्य ने कहा कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 लोकसभा सीटें जीती थीं और तब ये लोग ( स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी) बीजेपी के साथ नहीं थे, साल 2014 की ऐतिहासिक जीत साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी दोहराई गई.
स्वामी प्रसाद मौर्य, चौहान और सैनी बीएसपी छोड़कर साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे और इस बार चुनाव से पहले एसपी में शामिल हो गए. मौर्य ने कहा कि किसी के पार्टी में शामिल होने या पार्टी छोड़ने से शायद ही कोई फर्क पड़ता है, क्योंकि बूथ स्तर पर बीजेपी बहुत मजबूत पार्टी है और मुझे नहीं लगता कि कोई मतदाता उनके साथ गया है.
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वे लोग अपने निहित स्वार्थ के लिए दल छोड़कर गए हैं न कि किसी विचारधारा के लिए.
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केंद्र और राज्य सरकार की ‘उपलब्धियां’ गिनाते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार ने लोगों के लिए बहुत काम किया है, कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है और चौतरफा विकास कार्य हुए हैं.
केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं और उन्हें 2017 में बीजेपी से चुनाव जीते शीतला प्रसाद की जगह पार्टी ने टिकट दिया है. शीतला प्रसाद उत्साह के साथ मौर्य के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं.
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यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी का चेहरा कौन है – नरेंद्र मोदी या योगी आदित्यनाथ? इस पर मौर्य ने कहा कि मोदी पूरे देश में बीजेपी का चेहरा रहे हैं और लोग लगातार उन पर भरोसा करने वाली बीजेपी पर अपना आशीर्वाद बरसा रहे हैं.
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ”मुख्यमंत्री आमतौर पर राज्य में पार्टी का चेहरा होते हैं और बीजेपी किसी एक राज्य की पार्टी नहीं है कि वह एसपी, बीएसपी या कांग्रेस की तरह वहीं सिमट कर रहेगी. मौर्य ने कहा कि बीजेपी के लिए चेहरा कभी कोई मुद्दा नहीं रहा, ‘हम डबल इंजन वाली सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों पर जीत हासिल करेंगे.’
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के यह दावा करने पर कि उनका इंद्रधनुष गठबंधन हर गुजरते दिन के साथ मजबूत होता जा रहा है, मौर्य ने मजाक में कहा, ”इसी तरह के दावे साल 2019 के लोकसभा चुनाव में किए गए थे और अखिलेश ने दावों का पहाड़ बनाया था, लेकिन जब परिणाम आया तो वह ‘खोदा पहाड़, निकली चुहिया’ जैसा था, उनके दावों में कोई दम नहीं है.”
अखिलेश पर अपने हमले को जारी रखते हुए मौर्य ने कहा कि जहां तक अखिलेश के सपने में भगवान कृष्ण के प्रकट होने का सवाल है, तो अगर भगवान कृष्ण उनके सपनों में आए होंगे तो मुझे लगता है कि उन्होंने उन्हें 2022 में प्रयास करना बंद करने और साल 2027 की तैयारी करने के लिए कहा होगा.
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