UP चुनाव 2022: जालौन में इस दिन होगी वोटिंग, सभी विधानसभा सीटों का क्या है मौजूदा हाल?

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly election) 2022 की तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि यूपी में 7 चरणों में चुनाव होंगे. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, जालौन में तीसरे चरण के तहत 20 फरवरी को वोटिंग होगी. 10 मार्च को चुनाव रिजल्ट की घोषणा होगी.

आइए एक नजर जौलान जिले के राजनीतिक तस्वीर पर डालते हैं-

जालौन जिला मुस्तकीम, पहलवान गुर्जर, लालाराम और निर्भय जैसे डकैतों के कारण काफी सुर्खियों में रहा है. गोलियों और बूटों की आवाज के लिए मशहूर जालौन जिला फिलहाल बीजेपी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम जिलों में से एक है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां पर सभी तीन सीटों पर जीत हासिल की थी.

आपको बता दें कि बीएसपी ने अपने राजनीतिक इतिहास में पहली विधानसभा सीट जालौन जिले की कोंच विधानसभा क्षेत्र से जीती थी. इसके बाद से साल 2012 के विधानसभा चुनाव तक बीएसपी का इस जिले में अच्छा प्रदर्शन रहा था. लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव की तस्वीर देखें तो बीएसपी को यहां से निराशा ही हाथ लगी है.

आगामी विधानसभा चुनाव में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जालौन विधानसभा क्षेत्र में विपक्ष कोई बड़ा उलटफेर करेगा या बीजेपी 2017 के विधानसभा चुनाव की तरह जालौन में अपना दबदबा कायम रखेगी.

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बुंदेलखंड में स्थित जालौन जिला अपने गौरवशाली इतिहास और ऐतिहासिक किलों के लिए मशहूर है. यह जिला उत्तर प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिम भाग में स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि जिले का वर्तमान नाम ऋषि जलवान के नाम पर रखा गया है, जो यहां पर प्राचीन काल में रहते थे.

जालौन जिला 3 नदियों यमुना, बेतवा और पहूज से घिरा हुआ है. इस क्षेत्र पर राजा हर्षवर्धन द्वारा शासन किया गया था और चीनी यात्री ह्यूएन त्संग की रिपोर्ट में इसका उल्लेख है. जालौन जिला मुख्यालय उरई में स्थित है. जालौन में मसूर दाल और हरी मटर का उत्पादन देश सबसे ज्यादा है.

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जालौन जिले के विधानसभा क्षेत्र:

  1. उरई

  • कालपी

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  • माधोगढ़

    • 2012 के चुनावों में जालौन विधानसभा क्षेत्र से एक भी सीट नहीं जीतने वाली बीजेपी ने 2017 के चुनावों में जिले की तीनों विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था.

    • 2012 के चुनावों में बीएसपी, सपा और कांग्रेस ने 1-1 सीट जीती थी.

    उरई विधानसभा

    2017: इस साल हुए चुनाव में उरई विधानसभा की सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था. बीजेपी के गौरीशंकर ने एसपी के महेंद्र सिंह को हराया था. दोनों के बीच 78,879 वोटों का बड़ा अंतर था.

    2012: इस बार के विधानसभा चुनावों में एसपी के दयाशंकर ने बीएसपी के सत्येंद्र प्रताप को 7,133 वोटों से हराया था.

    कालपी विधानसभा

    2017: इस चुनाव में बीजेपी के नरेंद्र पाल सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने बीएसपी के छोटे सिंह को 51,484 वोटों से हराया था.

    2012: इस बार के चुनाव में कांग्रेस की उमाकांति ने बीएसपी के संजय सिंह को हराया था. दोनों के बीच 6,650 वोटों का अंतर था.

    माधोगढ़ विधानसभा

    2017: इस चुनाव में बीजेपी की टिकट पर लड़े मूलचंद्र सिंह की जीत हुई थी. उन्होंने बीएसपी के गिरीश कुमार को 45,985 वोटों से हराया था.

    2012: इस साल हुए चुनाव में बीएसपी के संतराम ने एसपी के केशवेंद्र सिंह को 21,352 वोटों से हराया था.

    बीजेपी ने किया था बांध बनाने का वादा, अब तक नहीं लगी है एक ईंट

    2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने जिले के माधोगढ़ क्षेत्र में बांध बनाने का वादा किया था. आपको बता दें कि इस क्षेत्र में 5 नदियों का संगम है. बांध न बनने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसी को लेकर बीजेपी ने यहां पर बांध बनाने की बात कही थी. स्थानीय विधायक ने बताया कि बांध बनाने का प्रस्ताव पास हो गया है. लेकिन हकीकत यह है कि सरकार के पिछले साढ़े चार साल के कार्यकाल में अभी तक सिर्फ प्रस्ताव ही पास हुआ है, मगर एक भी ईंट नहीं लग सकी है.

    किसान रहते हैं परेशान

    जालौन जिले में एक तरफ बारिश पड़ती है तो इतनी पड़ती है कि बाढ़ आ जाती है. वहीं, दूसरी तरफ सूखा इतना पड़ता है कि किसान बेबस नजर आता है. बाढ़ और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसल को काफी नुकसान होता है. इस समस्या के समाधान की किसान काफी समय से मांग करते रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई ठोस परिणाम नहीं मिले हैं.

    सड़क के गड्ढे करते हैं लोगों को परेशान

    जालौन में आज के दौर में सड़कें बन तो जरूर गईं हैं, लेकिन उनमें गड्ढों की तादाद ज्यादा है और इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

    आपको बता दें कि यूपी तक प्रदेश की सड़कों की हालत को लेकर पड़ताल करने के साथ-साथ तमाम सराकारी दावों के बीच सही तस्वीर सामने लाने का प्रयास कर रहा है. यूपी तक ने अब तक वाराणसी, पीलीभीत, हरदोई समेत अन्य जिलों की सड़कों का रिएलिटी चेक कर दिया है.

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    वहीं, यूपी में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में योगी सरकार ने 15 नवंबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देश-निर्देश दिए हैं. अब देखना दिलचस्प रहेगा कि 15 नवंबर तक सरकार कितने गड्ढे भर पाती है.

    इनपुट्स: अलीम सिद्दीकी

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