गाजीपुर: पुलिस ने मुख्तार अंसारी के सहयोगी गणेश दत्त मिश्रा को हिरासत में लिया, जानें कौन है ये?

विनय कुमार सिंह

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जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उसके करीबियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मुख्तार के साथ उसके सभी सहयोगियों के ऊपर सरकारी जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता नजर आ रहा है.

लखनऊ ईडी के नोटिस पर सदर कोतवाली पुलिस ने मुख्तार अंसारी के करीबी गणेश दत्त मिश्रा को कोतवाली गाजीपुर के चंदन नगर स्थित आवास से हिरासत में लेकर कोतवाली ले आई. इसके बाद सदर कोतवाली पुलिस की एक टीम गणेश दत्त मिश्रा को लेकर लखनऊ ईडी कार्यालय के लिए रवाना हो गई. बता दें कि यूपी के कई ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी कर मुख्तार अंसारी के सहयोगी प्रॉपर्टी डीलर गणेश दत्त मिश्र की 20 करोड़ से ज्यादा प्रॉपर्टी को कुर्क कर लिया था.

गौरतलब है कि जेल में बंद मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्ति के मामले में पूछताछ के लिए लखनऊ ईडी के द्वारा नोटिस भेजा गया था, लेकिन गणेश दत्त मिश्रा के द्वारा पूछताछ में सहयोग नहीं किया जा रहा था और ना ही जवाब दिया जा रहा था. जिसके बाद लखनऊ ईडी कार्यालय द्वारा गणेश को फिर तलब किया गया था, जिसपर गाजीपुर सदर कोतवाली पुलिस ने गणेश दत्त मिश्रा को हिरासत में लिया.

सूत्रों की मानें तो ईडी की नोटिस मिलने के बाद सदर कोतवाली पुलिस द्वारा चंदन नगर स्थित गणेश दत्त मिश्रा के आवास से उसको गाजीपुर कोतवाली ले आया गया. पुलिस सुरक्षा के साथ गणेश दत्त मिश्रा को ईडी कार्यालय लखनऊ के लिए रवाना हो गई.

इस बीच जब गणेश कोतवाली से निकल रहा था तो कुछ पत्रकारों को देखकर बोला भी और फोटो भी खिंचवाया. उसके बाद हथियारबंद पुलिस वालों ने उसे कार में बिठाया और लखनऊ के लिए रवाना बताए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इस बार ईडी को कुछ लीड मिली है और गहन पूछताछ हो सकती है.

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बताते चलें कि कुछ दिन पहले प्रॉपर्टी डीलर गणेश दत्त मिश्रा की गाजीपुर के कपूरपुर में एक अवैध प्रॉपर्टी को ईडी ने कुर्क किया था. इसके अलावा चंदन नगर स्थित 3 मंजिला अवैध इमारत को पहले ही जिला प्रशासन द्वारा ध्वस्त किया जा चुका है. दूसरी प्रॉपर्टियों पर भी करवाई अंतिम चरण में चल रही है.

इसके बाद ईडी ने पूछताछ के लिए कई बार गणेश के साथ मुख्तार गैंग के अन्य सदस्यों को तलब भी किया था, लेकिन बताया जा रहा है कि गणेश द्वारा पूछताछ में सहयोग नहीं किया जा रहा था. यूपी में माफियाओं के खिलाफ ईडी द्वारा लगातार अवैध तरीके से कमाई गई संपत्तियों का ब्योरा खोजा जा रहा है और लगातार मुख्तार और उसके सहयोगियों पर कार्रवाई की जा रही है.

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