राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करेंगे PM मोदी, जानें इसके मायने

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जिन मुद्दों पर जोर दे रही है, उनमें से एक अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी की स्थापना का भी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 सितंबर को दोपहर लगभग 12 बजे इस यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करेंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री का संबोधन भी होगा. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी है.

इस दौरान प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के अलीगढ़ नोड और राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी के मॉडलों की प्रदर्शनी को भी देखेंगे. अलीगढ़ में पीएम मोदी के कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे.

कौन थे राजा महेंद्र प्रताप, उनके नाम पर यूनिवर्सिटी बनने के क्या हैं मायने?

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, राजा महेंद्र प्रताप का जन्म एक दिसंबर 1886 को मुरसान रियासत के एक जाट परिवार में हुआ था, यह रियासत मौजूदा उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में थी, वह राजा घनश्याम सिंह के तीसरे बेटे थे, जब वह तीन साल के थे तब हाथरस के राजा हरनारायण सिंह ने उन्हें गोद ले लिया था.

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बयान में बताया गया है कि राजा महेंद्र प्रताप ने दिसंबर 1914 में अलीगढ़ में अपना घर और परिवार छोड़ दिया और जर्मनी चले गए और लगभग 33 सालों तक निर्वासन में रहे क्योंकि ब्रिटिश प्राधिकारियों को उनकी तलाश थी, भारत को आजादी मिलने के बाद ही वह 1947 में भारत लौटे थे.

प्रताप का परिवार प्रमुख जाट शाही परिवारों में से एक था. ऐसे में बीजेपी के लिए उनके नाम पर यूनिवर्सिटी बनाना इसलिए भी अहम है क्योंकि वो ऐसे वक्त में जाट समुदाय को साधना चाहेगी, जब उसे किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट वोटों का नुकसान हो सकता है.

वहीं, पीएमओ की प्रेस रिलीज बताया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस यूनिवर्सिटी को ‘महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद और सामाजिक सुधारक राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के सम्मान में स्थापित कर रही है.’

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यूनिवर्सिटी की स्थापना अलीगढ़ की कोल तहसील के गांव लोधा और गांव मूसेपुर करीम जरौली में 92 एकड़ से ज्यादा रकबे की जमीन पर होगी. अलीगढ़ डिविजीन के 395 कॉलेज इस यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध होंगे.

उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे को लेकर क्या है प्लान?

पीएमओ के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारे की स्थापना का ऐलान प्रधानमंत्री ने 21 फरवरी, 2018 को लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान किया था. रक्षा औद्योगिक गलियारे के छह नोड- अलीगढ़, आगरा, कानपुर, चित्रकूट, झांसी और लखनऊ की योजना बनाई गई है.

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अलीगढ़-नोड के सिलसिले में जमीन आवंटन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और 19 फर्मों को जमीन आवंटित कर दी गई है, जो इसके विकास के लिए 1245 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी.

पीएमओ ने बताया है कि उत्तर प्रदेश के रक्षा औद्योगिक गलियारे से देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

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