सुबह 5 बजे सोता है और किसी नहीं करता बात…जेल में बंद मुख्तार अंसारी की इस बात से उड़ी नींद

सिद्धार्थ गुप्ता

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सुबह 5 बजे सोता है और किसी नहीं करता बात...जेल में बंद मुख्तार अंसारी की इस बात से उड़ी नींद
सुबह 5 बजे सोता है और किसी नहीं करता बात...जेल में बंद मुख्तार अंसारी की इस बात से उड़ी नींद
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Uttar Pradesh News : एक जमाना था जब उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के नाम की तूती बोलती थी, लेकिन अब जेल में बन्द माफिया वो रुतबा नही रहा. जेल में अब उसकी एक एक रात बमुश्किल से कट रही हैं. इन दिनों में मुकदमों और परिवार की टेंशन में बेचैनी भरे दिन काट रहा है. जेल में वो किसी से बात भी नहीं करता है, बस दुबका लेटकर करवटे बदलता है. सुबह 5 बजे सोता है, दिन में 11 बजे जागता है और जो भी कहता है सीधे वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कोर्ट में जज के सामने ही.

जेल का अकेलापन मुख्तार अंसारी को सोने नहीं दे रहा

बता दें कि माफिया मुख्तार इन दिनों बाहुबली बड़ा बेचैन है. जेल सूत्रों के मुताबिक तन्हाई बैरक में माफिया तन्हाईयो भरे एक एक पल काटने को मजबूर है. एक तरफ उसे आगे आने वाले मुकदमो में फैसले की चिंता सता रही है, दूसरी तरफ परिवार की. काफी दिनों से उसका कोई अपना भी जेल में मिलने नहीं आया है. जिससे वो और भी परेशान है. बस बेचैनी से दिन रात करवटें बदल रहा है. जेल में न किसी से बात करता है, न कोई डिमांड करता है. बस चेहरे में चिंता लिए बैरक में टहलता नजर आता है.

सुबह पांच बजे तक जगता है मुख्तार

खबर तो यह भी है कि सुबह 5 बजे सोता है, दिन में 11 बजे जागता है, उसके बाद कब खाता है यह भी किसी को पता नहीं. माफिया का रूतबा पहले ऐसा था कि जेल में जो चाहता था वह कर लेता था. ताजा मांस खाने के लिए जेल में तालाब भी खुदवा दिया था और अब तो जेल मैनुअल के हिसाब से खाना खाने को मजबूर है.

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लोगों से बातचीत करना भी किया बंद

आपको यह भी बता दें पंजाब की रोपड़ जेल से अप्रैल 2021 में मुख्तार को बांदा जेल लाया गया था. जिसके बाद मुख्तार अंसारी इसी जेल में बन्द है. कई बार उसे पेशी के लिए दूसरे जिले कड़ी सुरक्षा के बीच ले भी जाया गया, लेकिन उसे अब पेशी में जाने के बाद खुद के साथ अनहोनी का डर सता रहा है. जिस कारण वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी कराने की गुहार भी लगाता है. जेल के पुष्ट सूत्रों के मुताबिक इन दिनों वो आगामी मुकदमों गाजीपुर, बाराबंकी और बनारस के कोर्ट की तैयारियो में जुटा हुआ है. उम्मीद है कि इसी हफ्ते कम से कम दो कोर्ट में चल रहे मुकदमो में फैसला आ सकता है, जिसको लेकर वह तैयारियो मे जुटा है और दिन भर तनाव में जीवन जीने को मजबूर है.

सामने आई ये जानकारी

जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने यूपीतक से बात करते हुए बताया कि, ‘अगले कुछ दिनों में गाजीपुर, बाराबंकी और बनारस कोर्ट में चल रहे मामलों में फैसला आने की उम्मीद है. जिसको लेकर मुख्तार परेशान सा दिखता है. कोर्ट के आदेश के बाद उसकी पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से कराई जाती है. इन दिनों मुकदमो में परेशान है, उसकी दिनचर्या भी बदली है, वह सुबह 5 बजे सोता है और सुबह 11 बजे जगता है. दिनभर टहलता रहता है, टेंशन में पड़ा रहता है.’

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चाक-चौबंद है सुरक्षा

उन्होंने आगे बताया कि, ‘सुरक्षा की दृष्टि से मुख्य गेट से लगाकर अंदर गेट में सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त व्यवस्था है, cctv के साथ हर आने जाने पर विशेष नजर है. उसकी सुरक्षा में बॉडी कैम से लैश जवान तैनात हैं. पूरे जेल कैम्पस में जेल पुलिस, सिविल पुलिस के साथ PAC के जवान है, मैं खुद निगरानी करता हूँ. बाकी जेल मैनुअल के मुताबिक सभी बंदियों को व्यवस्थाएं उपलब्ध होती हैं.’

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