‘पाताल लोक’ वेब सीरीज की कहानी हो गई सच! यूपी पुलिस के CO ने क्रैक किया UPSC एग्जाम, बने IPS

राम प्रताप सिंह

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‘पाताल लोक’ वेब सीरीज की कहानी रियल लाइफ में सच होती नजर आई है. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में सीओ विनय कुमार यादव ने कमाल कर दिया है. उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 496वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की है. बता दें कि मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी)  ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ है.

विनय कुमार यादव  IPS पद के लिए चयनित हुए हैं. हालांकि, विनय कुमार यादव अपनी इस सफलता से खुश हैं, लेकिन उन्हें IAS बनना है. ऐसे में भविष्य में उनका प्रयास जारी रहेगा. 

विनय कुमार यादव मूलतः हरियाणा राज्य के महेंद्रगढ़ जिले के धनौदा गांव के रहने वाले हैं. इनके पिता विनोद कुमार यादव हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. विनोद कुमार यादव की प्रारंभिक शिक्षा गांव से हुई. इंटरमीडिएट की पढ़ाई हिसार से करने के बाद उन्होंने फरीदाबाद से बीटेक की डिग्री हासिल की है. इसके बाद दिल्ली स्थित जेएनयू से उन्होंने भूगोल विषय में एमए की पढ़ाई पूरी की.

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विनय कुमार यादव का जेएनयू में एमए की पढ़ाई करने के दौरान IAS परीक्षा की तैयारी कर डीएम बनकर जनता की सेवा करने का लक्ष्य था. इसके लिए विनय लगातार प्रयासरत रहे, लेकिन सफलता नहीं मिलती थी. मगर उन्होंने हार नहीं मानी. बाद में उन्होंने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग का रुख किया और उसकी परीक्षा दी, जिसमें पहले प्रयास में ही उनका चयन PPS यानी डिप्टी एसपी के लिए हुआ.

साल 2017 में ट्रेनिंग के बाद विनोद कुमार यादव की पहली पोस्टिंग देवरिया जिले में हुई, जहां सीओ रहने के बाद 5 नम्बर 2021 को सलेमपुर सीओ का चार्ज मिला. उसके बाद भाटपार रानी सर्किल का, जहां वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन मौजूदा समय में कर रहे हैं. ड्यूटी के साथ उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और IAS की परीक्षा देते रहे. साल 2022 जून को प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद 2022 सितंबर में मेंस एक्जाम दिया और पास होने पर फरवरी, 2023 इंटरव्यू हुआ और 23 मई 2023 को परिणाम घोषित हुआ, जिसमें सीओ विनय कुमार यादव ने 496वीं रैंक हासिल करते हुए IPS के लिए चुने गए. यह उनका 6वां प्रयास था.

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विनय कुमार यादव ने यूपीतक से बातचीत के दौरान बताया कि इस सफलता के पीछे पिता और मां प्रेमलता के अलावा उनके गुरुजनों का योगदान रहा है, जिनकी बदौलत वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं. 30 वर्षीय विनोद कुमार यादव अपने पिता के इकलौते बेटे हैं और इनकी बहन प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत हैं.

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