यूपी चुनाव के लिए AAP ने बनाई ‘चाणक्य’ रणनीति, क्या है ये, खास रिपोर्ट में जानिए

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनावी गणित को ठीक करने के लिए एसपी, बीएसपी और बीजेपी के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) भी सम्मेलन करने जा रही है. AAP 1 अक्टूबर से प्रदेश भर में ‘चाणक्य विचार’ सम्मेलन करेगी. पार्टी ने इसके लिए कोर कमेटी का भी गठन कर लिया है. इसकी जिम्मेदारी रिटायर्ड आईएएस हरिशंकर पांडे को दी जाएगी. पार्टी हर जिला मुख्यालय पर जाकर जिला स्तरीय सम्मेलन करेगी.

सपा, बसपा, बीजेपी के बाद अब AAP का ‘चाणक्य विचार’ सम्मेलन

यूपी में वोट बैंक को साधने की किलेबंदी शुरू हो गई है. एसपी ब्राह्मण सम्मेलन से, बीएसपी प्रबुद्ध वर्ग सम्मान कार्यक्रम से तो बीजेपी प्रदेश स्तरीय शीर्ष नेतृत्व को फील्ड में उतारकर प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन से 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में अब AAP भी सम्मेलन करने जा रही है. भारतीय इतिहास के सबसे बड़े राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य के नाम पर AAP सम्मेलन करेगी.

यूपी के राजनीति में AAP की ऐसे हो रही एंट्री

पहले उत्तर प्रदेश सरकार की तमाम योजनाओं में घोटाले और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर AAP ने बीजेपी को घेरने की कोशिश की. फिर राम मंदिर निर्माण में खरीदी गई जमीन में घोटाले का आरोप लगाया, जल शक्ति मंत्रालय के ठेकों में कमीशन खोरी का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया. इसके बाद AAP की ओर से स्वतंत्रता दिवस के बाद से प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है और अब पार्टी चाणक्य विचार सम्मेलन करेगी. बता दें कि AAP पहले ही ऐलान कर चुकी है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी.

संजय सिंह ने बीजेपी पर जमकर साधा निशाना

आम आदमी पार्टी की तिरंगा यात्रा निकालने के सवाल पर AAP के यूपी प्रभारी संजय सिंह कहते हैं, “बीजेपी का राष्ट्रवाद झूठा है. नकली राष्ट्रवादियों को आप पार्टी की यह यात्रा पच नहीं रही है. इस तिरंगा यात्रा के जरिए हम जनता को बीजेपी का नकली राष्ट्रवाद बनाम AAP का सच्चा राष्ट्रवाद समझाने की कोशिश कर रहे हैं.”

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उन्होंने आगे कहा, “बीजेपी का राष्ट्रवाद वाला उत्तर प्रदेश ऐसा है जहां डेंगू पीड़ित बेटे को मजबूर बाप कंधे पर रखकर दर-दर भटकता है इलाज नहीं मिलता, श्मशान में लकड़ी नहीं मिलती. अस्पतालों में लोगों को दवा-बेड ऑक्सीजन नहीं मिलते हैं. बीते 30 सालों में तमाम दलों ने जाति और धर्म के नाम पर सरकार तो बना ली, लेकिन जनता के बुनियादी सवालों जरूरतों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. अब तक उत्तर प्रदेश के लोगों के पास कोई राजनीतिक विकल्प नहीं था, लेकिन अब उनके पास विकल्प है.”

दिल्ली में हमने कभी जाति धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगा. हमने हमेशा काम पर वोट मांगा है. दिल्ली में हमारी सरकार का जो मॉडल है हम उसको उत्तर प्रदेश की जनता के सामने रखेंगे, उसको लागू करने की हम बात करेंगे. हमें पूरी उम्मीद है कि जैसे दिल्ली की जनता ने हमें समर्थन दिया वैसे उत्तर प्रदेश की जनता भी हमें समर्थन देगी.

संजय सिंह, यूपी प्रभारी, AAP

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