अनुजेश और अखिलेश यादव परिवार में कब और कैसे पनपा विवाद? A टू Z जानें पूरा मामला
UP News: उत्तर प्रदेश के करहल विधानसभा सीट के लिए होने वाला उपचुनाव मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदारों के बीच की लड़ाई का अखाड़ा बन गया है.
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UP News: उत्तर प्रदेश के करहल विधानसभा सीट के लिए होने वाला उपचुनाव मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदारों के बीच की लड़ाई का अखाड़ा बन गया है.
UP News: उत्तर प्रदेश के करहल विधानसभा सीट के लिए होने वाला उपचुनाव मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदारों के बीच की लड़ाई का अखाड़ा बन गया है. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को अनुजेश यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उनके इस्तीफे से करहल सीट रिक्त हुई थी, और इस कारण यहां 13 नवंबर को मतदान कराया जाएगा.
अनुजेश यादव को मैदान में उतारने के भाजपा के फैसले ने सपा के तेज प्रताप यादव के साथ मुकाबला कड़ा कर दिया है, जो शक्तिशाली सैफई परिवार के सदस्य और दिवंगत मुलायम सिंह यादव के भतीजे रणवीर सिंह यादव के पोते हैं. पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक दूसरी ओर अनुजेश यादव मुलायम सिंह यादव के भतीजे और आजमगढ़ से सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव के सगे जीजा हैं. धर्मेन्द्र सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं.
अनुजेश यादव फिरोजाबाद जिले के भरौल गांव के रहने वाले हैं और उनकी शादी मैनपुरी के जिला पंचायत की पूर्व जिला प्रमुख संध्या यादव से हुई है, जो भाजपा की प्रमुख समर्थक रही हैं. यादव परिवार से उनके पारिवारिक संबंध उपचुनाव में जटिलता की एक परत जोड़ते हैं, क्योंकि वे सपा के उम्मीदवार तेज प्रताप यादव के 'फूफा' हैं.
कब बढ़ा विवाद?
रिश्तेदारों के बीच प्रतिद्वंद्विता तब और बढ़ गई, जब 24 मार्च, 2019 को धर्मेंद्र यादव के नाम से एक पत्र वायरल हुआ, जिसने भाजपा में शामिल होने के फैसले के बाद अनुजेश से खुद को दूर कर लिया था. पत्र में लिखा था, 'जो कोई भी भाजपा में शामिल होता है, वह मेरा रिश्तेदार नहीं हो सकता.' करहल उत्तर प्रदेश की उन नौ विधानसभा सीटों में से एक है जहां 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं. नतीजे 23 नवंबर को आने हैं.