धर्मांतरण केस: कांग्रेस बोली- ‘चुनाव के समय ही क्यों धरपकड़’, मोहसिन रजा का विपक्ष पर वार

अभिषेक मिश्रा

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उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीसी) ने मंगलवार, 21 सितंबर की रात को मेरठ से मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया. मौलाना कलीम पर भारत के ‘सबसे बड़े गैर कानूनी धर्मांतरण गिरोह’ के संचालन का आरोप लगाया गया है.

अब इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है. जहां उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी (एसपी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और कांग्रेस पर निशाना साधा है. वहीं कांग्रेस ने पूछा है कि यूपी में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही इस तरह की धरपकड़ क्यों हुई है.

मोहसिन रजा ने क्या कहा?

मोहसिन रजा ने कहा, ” धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग आज का प्रकरण नहीं था. पिछली सरकारों में विदेशों से फंडिंग कराने वालों का महिमामंडन होता था. जो लोग धर्मांतरण कराते थे, वो आपको एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के मंचों पर दिखाई देते थे. लेकिन आज उत्तर प्रदेश और देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. हमारी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं.”

इसके आगे रजा ने कहा, ”ऐसे लोगों को हम जेल में डालने का काम रहे हैं, जो लोग देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं या फिर देश में धर्मांतरण जैसा काम कर रहे हैं या देश में आग लगाने के लिए विदेशों से फंडिंग करा रहे हैं.”

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विपक्ष को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, ”यह हमारी इच्छाशक्ति है, वो उनका तुष्टीकरण था. ये विचारधारा का अंतर है कि आप देश को आग में झोंकना चाहते हैं, वोट मिल जाए आपको बस, मौलाना साहब आपके मंच पर आ जाएं, चाहे वो धर्मांतरण कराएं या चाहे विदेशों से फंडिंग कराएं, लेकिन जो वोट दिला दें उनके महिमामंडन का काम हमारी विपक्षी पार्टियां करती रहीं.”

कांग्रेस का क्या कहना है?

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, ”जबरन धर्मांतरण हमारे संविधान में कानूनी अपराध है. इसके खिलाफ कठोर और विधि सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वो कोई भी करे. लेकिन इस कानून की आड़ में चुनाव के समय प्रदेशों में जिस तरीके से गिरफ्तारियां होती हैं, उस पर भी चर्चा होनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि यह पता जरूर लगाया जाना चाहिए कि जिस-जिस प्रदेश में चुनाव आ जाते हैं और अगर वहां भारतीय जनता पार्टी शासन में होती है तो उस प्रदेश में चुनाव के समय ही ऐसी धरपकड़ क्यों होती है.

बता दें कि यूपी के एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने 22 सितंबर को इस मामले पर कहा, ”जांच में तथ्य प्रकाश में आए कि मौलाना कलीम सिद्दिकी अवैध धर्मांतरण के कार्य में लिप्त है और विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं की आड़ में यह देशव्यापी स्तर पर किया जा रहा है, जिसके लिए विदेशों से भारी फंडिंग प्राप्त की जा रही है.”

कुमार ने दावा किया कि यह भी सामने आया है कि कलीम सिद्दीकी सबसे बड़ा अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करते हैं और लोगों को धमकाकर और भ्रमित करके उनका धर्मांतरण कराते हैं.

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