मुलायम सिंह को पद्म विभूषण देने के पीछे क्या है BJP की सियासी चाल? जानें इनसाइड स्टोरी
UP Political News: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जब हर वर्ष की तरह इस बार भी पद्म पुरस्कारों का ऐलान हुआ, तो एक नाम…
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UP Political News: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जब हर वर्ष की तरह इस बार भी पद्म पुरस्कारों का ऐलान हुआ, तो एक नाम ने सबको चौंका दिया. यह नाम उत्तर प्रदेश के तीन बार के मुख्यमंत्री, देश के पूर्व रक्षा मंत्री और प्रख्यात समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव का था. ‘धरतीपुत्र’ के नाम से विख्यात मुलायम सिंह यादव को जब मोदी सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित करने का ऐलान किया तो, समाजवादी पार्टी भी एकबारगी चौंक गई. उसे भी ये यकीन नहीं रहा होगा कि मोदी सरकार सर्वोच्च पद्म सम्मान से इतनी जल्दी मुलायम सिंह को नवाज देगी. मगर यह फैसला सिर्फ मुलायम सिंह यादव के सम्मान भर का नहीं है, बल्कि इसमें बीजेपी को अपने लिए भी उपहार दिखता है. ऐसी चर्चा है कि मुलायम सिंह की सियासी विरासत पर बीजेपी की भी नजर है और 2024 के चुनाव में यादव वोट बैंक भी बीजेपी के लिए अहम है.
मुलायम सिंह यादव जो कि बीजेपी के सबसे बड़े धुर विरोधी सियासतदां रहे और जिस मुलायम सिंह यादव के अंध विरोध में बीजेपी फली फूली उसी केंद्र की बीजेपी सरकार ने मुलायम सिंह यादव को देश के उच्चतर नागरिक सम्मान से नवाजने का ऐलान किया है.
दरअसल, मुलायम सिंह यादव के निधन को अभी कुछ महीने ही गुजरे हैं और केंद्र सरकार ने सबसे बड़े नागरिक सम्मान में से एक मुलायम सिंह यादव को देने की घोषणा की है. ऐसा कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार का ये वो मास्टर स्ट्रोक है जिसकी भनक अखिलेश यादव को भी नहीं रही होगी, बुधवार देर रात तक अखिलेश यादव का कोई ट्वीट या कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई थी. हालांकि समाजवादी पार्टी के पास इस फैसले की तारीफ करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है.
दरअसल बीजेपी ने पिछले कुछ समय से यादव वोट बैंक पर अपनी नजरें गड़ा रखी हैं. यादव वोट बैंक का एक बड़ा तबका लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर बीजेपी को वोट करता है और जिस तरीके से मुलायम सिंह यादव ने संसद में पीएम मोदी की तारीफ और 2019 में दोबारा सत्ता में लौटने की कामना की थी, उसके बाद से तो मुलायम सिंह यादव पीएम मोदी के सबसे प्रिय विरोधी नेताओं में सबसे ऊपर थे.
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मुलायम सिंह यादव और प्रधानमंत्री मोदी के बीच की ये केमिस्ट्री अखिलेश यादव को भी कभी कभी अखर जाती थी और अखिलेश यादव सफाई देते नजर आते थे. गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव का जब देहांत हुआ तब पीएम मोदी गुजरात में चुनाव कैंपेन में थे और अपने चुनावी भाषण के बीच उन्होंने 10 मिनट तक भावुक होकर मुलायम सिंह यादव को याद किया था.
मुलायम सिंह हाल के दिनों में बीजेपी के लिए इतने प्रिय हो गए थे कि राज्य कार्यकारिणी की हाल में हुई बैठक के दौरान मुलायम सिंह यादव को मंच से श्रद्धांजलि दी गई. वो चाहे पद्म विभूषण का सम्मान हो या फिर राज्य कार्यकारिणी की बैठक में मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि, यह कोई मुलायम सिंह यादव के प्रति अगाध श्रद्धा की वजह से नहीं है बल्कि माना जा रहा है बीजेपी अब अपने वोट बैंक में यादव को भी उसी तरीके से जोड़ना चाहती है जैसे दूसरी जातियों को उसने जोड़ा है.
प्रधानमंत्री के अगर हालिया फैसलों को देखें तो उसमें यादव बिरादरी को जोड़ने की एक ललक नजर आती है. हरियाणा से सुधा यादव को बीजेपी ने अपनी टॉप बॉडी पार्लियामेंट बोर्ड में जगह दी, तो कानपुर इलाके के सबसे बड़े यादव नेता हरमोहन सिंह यादव की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने शिरकत की. वहीं मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण से सम्मानित करने के ऐलान के बाद उन्होंने यादव बिरादरी की तरफ हाथ बढ़ाया है.
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