मेयर की सीटों पर सपा का नहीं खुला खाता, लेकिन अखिलेश ने इस वजह से BJP पर बोला करारा हमला
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को दावा किया कि नगर निकाय चुनावों में भारतीय जनता…
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समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को दावा किया कि नगर निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हर हथकंडे अपनाने के बाद भी नगरों से थोड़ा बाहर की सीटों पर बुरी तरह हारी है.
सपा प्रमुख ने रविवार को एक ट्वीट में सपा के विजयी उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा,
‘‘नगर निकाय चुनावों में जीते सपा के सभी प्रत्याशियों व भाजपा के खिलाफ लड़कर जीते सभी ‘अन्य’ प्रत्याशियों को भी हार्दिक बधाई.’’
इसी ट्वीट में यादव ने आगे कहा, ‘‘नगरों से थोड़ा बाहर आते ही, हर हथकंडे अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है.’’
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नगर निकाय चुनावों में जीते सपा के सभी प्रत्याशियों व भाजपा के ख़िलाफ़ लड़कर जीते सभी ‘अन्य’ प्रत्याशियों को भी हार्दिक बधाई!
नगरों से थोड़ा बाहर आते ही, हर हथकंडे अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 14, 2023
गौरतलब है कि राज्य के सभी 17 नगर निगमों के महापौर पद पर भाजपा ने एकतरफा कब्जा किया, जबकि 1420 पार्षदों में 813 सीटों पर जीत हासिल की. इसके अलावा, भाजपा ने नगर पालिका परिषदों के 89 अध्यक्ष और 191 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद पर चुनाव जीता.
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भाजपा के मुकाबले समाजवादी पार्टी या अन्य विपक्षी दल जहां महापौर की कोई सीट नहीं जीत सके, वहीं सपा ने नगर निगमों में 191 पार्षद, 35 नगर पालिका परिषदों के अध्यक्ष और 79 नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों पर चुनाव जीता है.
भाजपा ने राज्य की सभी 17 नगर निगमों में महापौर की सीटों पर एकतरफा जीत हासिल की और विपक्षी दलों का खाता भी नहीं खुला.
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राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने बताया कि भाजपा को अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर के अलावा अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर, प्रयागराज, गाजियाबाद, झांसी, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, बरेली, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद नगर निगमों में महापौर पद पर जीत मिली है.
उत्तर प्रदेश में दो चरणों में चार मई और 11 मई को नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान हुआ और शनिवार से शुरू हुई मतगणना रविवार दोपहर तक पूरी हो गई.
इस चुनाव में नगर निगमों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मतदान हुआ, जबकि नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में मतपत्रों से मतदान कराया गया.
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