MLC चुनाव: स्वामी प्रसाद मौर्य संग मुकुल, जासमीर, शाहनवाज ने किया नामांकन, जानें इन्हें
उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने नामांकन किया. पार्टी से चार प्रत्याशियों ने बुधवार को नामंकन किया, जिसमें स्वामी…
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उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने नामांकन किया. पार्टी से चार प्रत्याशियों ने बुधवार को नामंकन किया, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य, सोबरन सिंह यादव के बेटे मुकुल यादव, जासमीर अंसारी और शाहनवाज खान शामिल हैं.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम की मौजूदगी में इन सपा प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया. बता दें कि सपा ने इस चुनाव में दो मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है.
आइए स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा समाजवादी पार्टी के अन्य प्रत्याशी- मुकुल यादव, जासमीर अंसारी और शाहनवाज खान के बारे में जानते हैं.
मुकुल यादव
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सोबरन सिंह यादव मैनपुरी की करहल सीट से विधायक रह चुके हैं. उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए अपनी सीट भी छोड़ दी थी. इसके एवज में अखिलेश ने उनके बेटे मुकुल यादव को विधान परिषद भेजने के लिए नामांकन कराया है.
मुकुल एलएलबी में स्नातक हैं और कोल्ड स्टोर, ईंट-भट्टे और पेट्रोल पंप के कारोबारी हैं. हालांकि कभी सपा के किसी सक्रिय पद पर नहीं रहे, लेकिन कार्यकर्ता के तौर पर करहल में सक्रिय रहे हैं.
जासमीर अंसारी
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सपा की तरफ से नामांकन करने वाले जासमीर अंसारी सीतापुर के लहरपुर से बहुजन समाज पार्टी के विधायक रह चुके हैं और उनकी पत्नी कैसर जहां भी यहां से सांसद रह चुकी हैं. दोनों ने चुनाव से पहले सपा का दामन थामा था. जिसके बाद वह अल्पसंख्यक समाज के एक और चेहरे के तौर पर सपा के समीकरण को मजबूत करते हैं.
जासमीर अंसारी अल्पसंख्यक समाज के एक बड़े नेता माने जाते हैं और इस समय पार्टी के अंदर अहमद हसन के निधन के बाद अंसारी समाज का कोई नेता नहीं है. समाजवादी पार्टी ने इसी रणनीति के तहत जासमीन अंसारी को चुनाव मैदान में उतारा है जिसका फायदा उसे आने वाले चुनाव में मिल सकता है.
शाहनवाज खान
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शाहनवाज खान रामपुर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष हैं और मोहम्मद आजम खान के काफी करीबी माने जाते हैं. शाहनवाज आजम खान को अपना उस्ताद बताते हैं और लगातार रामपुर में उनके साथ खुद को जोड़कर सक्रिय रहते हैं.
सपा से उनका नामांकन रामपुर में होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जिसका फायदा समाजवादी पार्टी आजम खान के जरिए लेना चाहती है. आजम खान की नाराजगी को दूर करते हुए अखिलेश यादव ने लोकसभा उपचुनाव के प्रत्याशी और एमएलसी दोनों पर आजम के करीबी को जगह दी है.
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