लखनऊ DM ने CM योगी और राजनाथ सिंह को खुश करने के लिए मुझे हराया: SP प्रत्याशी पूजा शुक्ला
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे अब घोषित हो चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) गठबंधन पूर्ण बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रहा…
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे अब घोषित हो चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) गठबंधन पूर्ण बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रहा है. इस चुनाव में राजधानी लखनऊ की उत्तर विधानसभा एक ऐसी सीट थी, जहां समाजवादी पार्टी (एसपी) ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी. इस विधानसभा सीट पर एसपी उम्मीदवार पूजा शुक्ला ने शुरुआती राउंड से बढ़त बनाए रखी थी, लेकिन आखिरी राउंड में वह पीछे हो गईं और बीजेपी प्रत्याशी डॉ. नीरज बोरा बाजी मारकर चुनाव जीत गए.
आपको बता दें कि यह वही पूजा शुक्ला हैं, जिन्होंने साल 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखाया था. पूजा शुक्ला ने यूपी तक से खास बातचीत की है. पूजा शुक्ला का आरोप है कि उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी डॉ. नीरज बोरा के छक्के छुड़ा दिए थे, लेकिन ईवीएम ने उन्हें हरा दिया.
पूजा शुक्ला ने कहा,
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“लखनऊ डीएम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को खुश करने के लिए मुझे हरा दिया और और बीजेपी के उम्मीदवार को जिता दिया. मुझे खुशी है कि समाजवादी पार्टी ने एक गरीब की बेटी को धन से मजबूत और झूठे मक्कारों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा और जनता ने मुझे अपना समर्थन दिया. मैं मानती हूं कि भारतीय जनता पार्टी को ईवीएम ने जीत दी है.”
पूजा शुक्ला
पूजा ने बताया, “मुझे याद है जब मतगणना हो रही थी तो मैंने रिटर्निंग ऑफिसर से पूछा कि आखिर ईवीएम 99% चार्ज कैसे है? मैंने उदाहरण देते हुए चुनावों के अधिकारियों को बताया कि अगर कोई मोबाइल है और थोड़ा-सा भी वह कार्य करता है तो उसकी बैटरी खत्म हो जाती है, तो आखिर यह ईवीएम कैसे 99% चार्ज है? जबकि 23 तारीख को मतदान हुआ था और उसके 10-15 दिन बाद मतगणना की गई.”
उन्होंने कहा, “हमने शुरू से ही 22 राउंड तक लीड बनाई और 22 राउंड तक 18 हजार मतों से मैं आगे चली, लेकिन आखिरी राउंड में ऐसा क्या हो जाता है कि मैं हार जाती हूं?”
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पूजा ने मुताबिक, “शाम को सरकार के आला अधिकारी और लखनऊ डीएम आते हैं और काउंटिंग आधे घंटे के लिए रोक दी जाती है. कहा जाता है कि यह लंच टाइम है. मुझे समझ में नहीं आता कि 4 बजे कौन-सा लंच होता है? सुबह के आए हुए अधिकारी आखिर 4 बजे कौन-सा लंच कर रहे थे?”
एसपी उम्मीदवार रहीं पूजा कहती हैं, “जिस बीजेपी प्रत्याशी को क्षेत्र की जनता ने चप्पल लेकर दौड़ाया था, आखिर वह कैसे जीत सकते हैं? डीएम लखनऊ बताएं कि मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए और क्या-क्या किया है? मुख्यमंत्री की इस सीट पर प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी. जब उनको पता चला कि समाजवादी पार्टी यहां से जीत रही है, तो आनन-फानन में उन्होंने मड़ियाहूं थाने के पास सड़क पर जनसभा की. एक मुख्यमंत्री सड़क पर मीटिंग कर रहा था और उनकी जनसभा में कोई भी नहीं आया था. बाहर से लोग बुलाए गए थे.”
पूजा शुक्ला ने कहा, “25 साल की लड़की को हराने के लिए देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आए. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पीयूष गोयल आए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दोनों बेटे पंकज सिंह और नीरज सिंह के साथ अपर्णा यादव भी आई थीं.” उन्होंने कहा, इतना ही नहीं, ‘ब्राह्मण चेहरा’ जितिन प्रसाद और उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को भी मुझे हराने के लिए उतारा गया, जब सब मिलकर नहीं हरा पाते हैं, तो बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आते हैं और यहां जनसभा करते हैं.”
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पूजा ने आरोप लगाते हुए कहा, “मेरे साथ बेईमानी की गई है. जो क्षेत्र बीजेपी के गढ़ कहे जाते थे, मैं वहां से फतह करके आई तो आखिर कुछ राउंड में मैं हार कैसे गई? वे भी उन एरिया के बेल्टों से जहां पर एसपी का बोलबाला था. नीरज बोरा को उस क्षेत्र से वोट कैसे मिले होंगे जहां आखिरी समय में लोगों ने उन्हें चप्पल लेकर दौड़ाया था. नीरज बोरा की पत्नी को उस क्षेत्रों में घुसने तक नहीं दिया गया था.”
पूजा ने कहा,
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“ईवीएम और डीएम के माध्यम से मुझे रोकने के लिए यह सब किया गया ताकि जो विरोध का प्रतीक है वह विधानसभा ना पहुंच सके.”
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“मुझे 1 लाख 6 हजार जो वोट मिले हैं और जिन्होंने मुझे वोट दिया है, मैं उनका विश्वास नहीं टूटने दूंगी. मेरे पास आवाज उठाने के लिए सड़क तो है ही, भले ही यहां के प्रत्याशी बेईमानी से जीत गए हों, लेकिन वह जनता के दिलों में जगह नहीं बना पाए हैं.”
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“नीरज बोरा को मैंने पानी पिला दिया. उनको यह समझ में आ गया है कि जब गरीब परिवार की लड़की सड़क पर निकलती है तो क्या होता है.”
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“मैं आपके चैनल के माध्यम से बताना चाहती हूं कि नीरज बोरा समझ लें कि उनका विपक्ष कमजोर नहीं है. मैं जनता के साथ मजबूती से खड़ी रहूंगी.”
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“जो नीरज बोरा ने मुझे लेकर कहा था कि पहले इंटर्नशिप करें. तो मैं उनको बताना चाहती हूं कि मैंने इंटर्नशिप करके डिग्री हासिल कर ली है. अब आगे की पढ़ाई उनको अगले विधानसभा में पढ़ाऊंगी.”
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