UP विधानसभा: स्वास्थ्य व्यवस्था पर अटैकिंग हुए अखिलेश, ब्रजेश पाठक को बताया छापामार मंत्री

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यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की जमकर कमियां गिनाईं और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को छापामार मंत्री कह दिया. अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने कहा कि इतने सारे गलत ट्रांसफर हो गये, लेकिन इन्हें पता ही नहीं. फिर छापेमारी किस बात की थी. अरे छापा मंत्री बन गए कार्रवाई कब करोगे? इनकी स्थिति झोला छाप डॉक्टरों जैसी है जिन्हें कोई नहीं पूछता.

सदन में अखिलेश यादव ने कहा- आज हालात ये की एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती, 108 एंबुलेंस के बुरे हाल हैं, गरीब पैसा नहीं दे पाया तो लौटा दिया गया. एक्स-रे जांच के लिए मरीज भटकता है. दवाइयों का जो संकट है वह सरकार पूरा नहीं कर पाई है.

स्वास्थ्य व्यवस्था ऐसा है जहां मोटरसाइकिल और अपने कंधों पर मरीज को लेकर तीमारदार ले गया. अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं हैं. बाबा की डबल इंजन की सरकार में ना तो एंबुलेंस ना स्ट्रेचर ना जांच और ना दवाइयां. कोरोना के समय के हालत को प्रदेश आज भी नहीं भुला जा सकता. पीएचसी सीएचसी सब जगह हाल खराब. सीतापुर में बच्चे को ऑक्सीजन नहीं मिला. इस बात को लेकर मानवाधिकार आयोग ने नोटिस दिया है. पता नहीं कहां ये बात ले कर आए हैं कि विश्व में सबसे बड़ी योजना यही चलाते हैं. कंधे पर लाश, मोटरसाइकल पर लाश ये विश्व देखेगा तो क्या होगा?

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छापेमार मंत्री के छापे का असर क्या है- अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा- जहां-जहां छापे मारे हैं मंत्री जी, आपके जाने के बाद क्या असर हुआ, कभी सोचा है. मैंने एक एम्बुलेंस की तस्वीर लगायी पर मंत्री जी आजकल बहुत स्मार्ट बन रहे हैं. तुरंत ये सोशल मीडिया पर चला दिया कि समाजवादी पार्टी झूठ बोल रही है.

लेकिन एक चैनल ने इनकी पोल खोल दी. अगर बजट की कमी है तो नेता सदन क्यों नहीं बता रहे. अगर बजट है तो डिप्टी सीएम (ब्रजेश पाठक) को क्यों नहीं दिया जा रहा. शायद इसलिए क्योंकि उन्होंने दो मंत्रियों को बेरोजगार कर दिया. नेता सदन (सीएम योगी) यह बात क्यों नहीं स्वीकारते की इनके पास स्वास्थ्य के लिए बजट की कमी है या वह अपने डिप्टी सीएम को बजट देना नहीं चाहते हैं.

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गर्भवती महिला को इलाज ना मिल पाने के कारण अस्पताल के बाहर प्रसव हो रहा है. मेरी तस्वीर लगाकर के कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं. बल्कि सरकार सेवाओं की बदहाली पर झूठ बोल रही है. यह सरकार रिकॉर्ड नंबर पर मेडिकल कॉलेज बनाने का दावा कर रह रही है. ये सरकार सब कुछ बदलना चाहती है इसीलिए बजट नहीं दे रही. स्टाफ की कमी है तो भर्ती क्यों नहीं की जा रहे रही. ये सरकार सब प्राइवेट करना चाहती है.

नेता सदन बताएं कि AIIMS के लिए जमीन दी गयी थी या नहीं. जब ऑक्सीजन का प्लांट आपको देखना था तो आप सैफई की तैयारी करके गए, लेकिन मेडिकल कॉलेज बनाना था तो देते. आपकी हमसे नाराजगी हो सकती है क्योंकि हम राजनीति में भागीदार हैं पर लोगों से क्या नाराजगी है ? आपकी डबल इंजन की सरकार है. तो आपको डबल पैसा देना चाहिए. बीमारी कोई कहकर आती है? मैं तो कहूंगा कि अगर कोई सरकारी अस्पताल में जाए तो कुछ न सोचना पड़े.

पीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक सब जगह हाल खराब है. 1 रुपए का पर्चा 100 रुपए का हो गया है. दोबारा आई सरकार इतनी गरीब कैसे हो गई जो बजट नहीं दे पा रही. ये सपा सरकार की सोच थी कि गरीब का इलाज पूरा सरकारी अस्पताल में मुफ्त में हो जाए. जनता का इतना पैसा लेकर कि कहां जाओगे? लगता है आपको दिल्ली वाले मदद नहीं कर रहे. दिल्ली की सरकार यूपी से बनती है. सिर्फ छापा ही मारेंगे या कोई कार्रवाई भी करेंगे.

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सीएम योगी ने दिया जवाब

सीएम योगी ने अखिलेश यादव के आरोपों पर डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक की तरफ से जवाब देते हुए कहा- यूपी में शिशु मृत्यु दर में गिरावट हुई है. नेता प्रतिपक्ष बोलते हुए बहुत बातें भूल गए. जो लोग हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाते थे उन्हें हमने पहुंचाया. आज इन्सेफलाइटिस की बीमारी जीरो पर पहुंची है. इस साल गोरखपुर में 40 मामले आए, जिसमे उपचार दिया गया.

सपा सरकार में बच्चे इन्सेफेलाइटिस से मरते थे-सीएम योगी

सपा सरकार में प्रभावित जिलों में बच्चे इन्सेफलाइटिस से मरते थे. हजारों बच्चों की मौतों को सपा सरकार ने कभी नहीं स्वीकारा. 40 मामले इस बार आए. मौत जीरो है. गोरखपुर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, संत कबीरनगर इस सब क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मौत होती थीं. सपा की सरकार दुर्भाग्य से 4 बार थी, लेकिन एक भी बार उनसे मिलने नहीं पहुंचे. सीएम योगी के बीच में अखिलेश यादव बोल पड़े तो स्पीकर ने चुप कराया.

सपने तार-तार होते हैं तो दु:ख तो होता ही है- सीएम योगी

अखिलेश यादव द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा- अखिलेश यादव को पता नहीं कि किसको बोलना चाहते हैं? जनता जब फैसला देती है और सपने तार-तार होते हैं. तो दुःख तो होता ही है. नेता प्रतिपक्ष जैसा बोल रहे थे,ऐसा लगा ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’. इस प्रदेश में 4 बार समाजवादी सरकार रही है. आंकड़ों में दर्ज है एनीमिया, मातृ शिशु दर में वृद्धि हुई है. गोरखपुर की बात बोल रहे थे तो बोलते-बोलते ऐसा बोल गए कि जनता जनार्दन ने उनके सपने को तार-तार कर दिया.

डबल इंजन की सरकार पर बोले सीएम योगी

ये डबल इंजन की सरकार का ही परिणाम है कि आज इन्सेफलाइटिस से मौतें जीरो स्तर पर पहुंच गई हैं. इनकी सरकारों में प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंदी के कगार पर थे. डॉक्टर्स की संख्या ही नहीं थी. आज सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप एम्बुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम में कमी आयी है. एक जिला एक मेडिकल कॉलेज, 59 जनपदों में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं या बन चुके हैं. शेष 16 जनपदों में मेडिकल कॉलेज के निर्माण के प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं.

इन्सेफेलाइटिस पर सपा ने किया ट्वीट, कहा- योगी झूठ बोल रहे हैं

इधर इन्सेफेलाइटिस पर सीएम योगी के आंकड़ों पर समाजवादी पार्टी के मीडिया हैंडल से ट्वीट कर इसे साफ-साफ झूठ बताया गया. ट्वीट में कहा गया- ”योगीजी ! आप सदन में जापानी इंसेफिलाइटिस पर साफ साफ झूठ बोल रहे थे. JE का नाम बदलकर AFI यानी एक्यूट फिब्राइल इलनेस नाम से मरीजों को भर्ती किया जा रहा है और JE से मरने वालों के आंकड़े कम करके आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है योगी सरकार झूठ बोलना बंद करें CM, पहले सही जवाब देना सीखें !”

कोरोना में नेता प्रतिपक्ष कहां गायब हो गए थे- सीएम योगी

कोरोना में नेता प्रतिपक्ष पता नहीं कहां गायब हो गए. दिखाई ही नहीं पड़े. समाजवादी पार्टी की पहली सरकार 1989 में आई थी और ये भी सच है कि भाजपा ने उसे समर्थन दिया था. नाम कुछ भी पहले रहा हो जनता दल की सरकार थी. इनके शासनकाल में हर क्षेत्र में केवल अवमूल्यन ही हुआ. क्षति नुकसान ही हुआ. इन तथाकथित समाजवादियों ने ही नुकसान किया.

गौरतलब है कि यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन समाजवादी पार्टी ने सदन में स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा के लिए नियम 311 के तहत नोटिस दिया. सपा ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं. इस पर सभी कार्यों को रोक कर चर्चा करायी जाए. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी चाहती है कि 311 के नोटिस के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली पर चर्चा हो. इस पर मांग नहीं मानी गयी तो समाजवादी पार्टी के सदस्य हंगामा करने लगे. इसके बाद ये कहा गया कि सदन में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर चर्चा होगी.

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