‘500 रुपये की थाली’ के लिए ट्रोल हो रहीं डिंपल यादव, ऐसा क्या बोल गईं कि लोग ले रहे मजे

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'500 रुपये की थाली' के लिए ट्रोल हो रहीं डिंपल यादव, ऐसा क्या बोल गईं कि लोग ले रहे मजे
'500 रुपये की थाली' के लिए ट्रोल हो रहीं डिंपल यादव, ऐसा क्या बोल गईं कि लोग ले रहे मजे
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लोकसभा में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार से चर्चा शुरू हुई. इस चर्चा में यूपी के मैनपुरी लोकसभा सीट से सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने मणिपुर सहित कई मुद्दों पर बीजेपी सरकार को जमकर घेरा. हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने कुछ ऐसा बोल दिया कि अब उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है.

दरअसल, डिंपल यादव ने कहा,

“इतनी महंगाई हो गई है कि महिलाओं को बहुत दिक्कत हो रही है न्यूट्रिशन के एंगल से. जैसा कि सुप्रिया सुले (एनसीपी सांसद) जी ने कहा था कि एक थाली की कीमत लगभग 500 रुपये से भी ज्यादा है. अगर वो (महिलाएं) चाहती हैं कि दाल, रोटी, सब्जी और पनीर उसकी थाली में हों, तो वे नहीं कर पा रही हैं.”

डिंपल के इस बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. साथ ही यूपी बीजेपी ने भी डिंपल पर निशाना साधा है. यूपी बीजेपी ने लोकसभा में दिए गए डिंपल के भाषण के एक अंश का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है, “श्रीमती डिंपल यादव ताज होटल में लगातार भोजन करने की वजह से एक सामान्य थाली का रेट भूल चुकी हैं. मुंह में सोने का चम्मच लेकर पैदा होने वाले पार्टी के मुखिया की पत्नी से ऐसे ही बयान की उम्मीद की जा सकती है.”

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डिंपल ने और क्या-क्या कहा?

डिंपल ने कहा कि आज की तारीख में बेरोजगारी से युवा परेशान हैं. अग्निवीर योजना में कोई स्पष्टता नहीं है. उन्होंने लोकसभा में कहा कि, ‘NCRB के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में हर तीन घंटे में एक महिला का उत्पीड़न हो रहा है और ये डबल इंजन की सरकार इस बात का संज्ञान नहीं ले रही है.’

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मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए मैनपुरी सांसद ने कहा,

‘मणिपुर की घटना को मामूली घटना नहीं है. ये बेहद संवेदनशील मामला है, पर ये सरकार अंहकार में डूबी हुई है. मणिपुर की घटना मानवाधिकार के खिलाफ है और वहां महिलाओं के खिलाफ हिंसा लोकतंत्र में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.’

सपा सांसद ने कहा कि ‘मणिपुर हिंसा की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं. ये नैतिक जिम्मेदारी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन आए और इस मुद्दे पर चर्चा करें पर वो आज भी सदन में मौजूद नहीं हैं.’

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बता दें कि मणिपुर में मई की शुरुआत में कुकी और मैतई समुदायों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है और वह चाहता है कि पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा में इस पर जवाब दें. पीएम मोदी गुरुवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे सकते हैं.

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