स्मृति ईरानी का प्रियंका पर तंज, ‘क्या अब उनको मेरा नाम पता चल गया?’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच वार-पलटवार का सिलसिला लगातार जारी है. इसी क्रम में अब स्मृति ने प्रियंका की…
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच वार-पलटवार का सिलसिला लगातार जारी है. इसी क्रम में अब स्मृति ने प्रियंका की एक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है. स्मृति ने 2014 के एक वाकये की याद दिलाते हुए कहा है कि प्रियंका गांधी को उनके अस्तित्व का अहसास हो गया, शायद यही लोकतंत्र की ताकत है. दरअसल 2014 में स्मृति ईरानी को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रियंका ने कहा था- कौन?
स्मृति ने और क्या-क्या कहा है, यह जानने से पहले इस बात को भी समझ लेते हैं कि प्रियंका और स्मृति के बीच हालिया वार-पलटवार का पूरा मामला क्या है.
हाल ही में स्मृति ईरानी ने, उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े अभियान के बीच प्रियंका की मुहिम के नारे ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’’ को लेकर कहा था, ‘‘घर पर लड़का है, पर लड़ नहीं सकता.’’
इसके बाद 17 नवंबर को यूपी तक ने जब प्रियंका से स्मृति के तंज के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ”महिला होते हुए अगर महिलाओं के बारे में इस तरह से टिप्पणी करें तो गलत है. (वह) महिला हैं, उनको महिला का प्रोत्साहन करना चाहिए. उनको कहना चाहिए कि हां लड़कियों को अपने लिए लड़ना चाहिए.”
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प्रियंका की इस टिप्पणी पर जब यूपी तक ने 18 नवंबर को स्मृति की प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा,
”मेरा नाम क्या है? उनसे आपने पूछा? 2014 में नहीं जानती थीं, अभी जान पाएंगी हैं? मेरा सौभाग्य है कि एक छोटे परिवार में मैं जन्मी और उन जैसी एक वरिष्ठ परिवार की महिला, सुखी-सम्पन्न परिवार की महिला को सात साल बाद कम से कम मेरे अस्तित्व का ध्यान हुआ. यही शायद लोकतंत्र की ताकत है.”
स्मृति ईरानी
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इसके अलावा स्मृति ने कहा, ”हमारे प्रधानमंत्री ने जिन्होंने अमेठी की बेटी को, देश की बेटी को, देश का सर्वोच्च सम्मान दिया, चाहे 10 करोड़ परिवारों में टॉयलेट बना कर देना हो, चाहे 22 करोड़ परिवार में सेविंग्स बैंक अकाउंट खोलकर देना हो, चाहे 17 करोड़ 60 लाख मुद्रा का लोन देना हो, ये सब गांधी परिवार ने नहीं किया, ये एक पुरुष ने किया, प्रधानमंत्री ने किया, जिनका नाम नरेंद्र मोदी है, तो स्लोगन से देश नहीं चलता. शायद इस बात का गांधी परिवार को एहसास हुआ होगा.”
अपनी पहली किताब ‘लाल सलाम’ के साथ लेखक बनीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
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