राकेश टिकैत बोले- ‘इनका हिजाब का मामला चार-पांच दिन चला और जनता ने इसे नकार दिया’
उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे के राजनीतिक माहौल में गर्माहट है. यूपी में पहले 2 चरण का मतदान हो चुका…
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उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे के राजनीतिक माहौल में गर्माहट है. यूपी में पहले 2 चरण का मतदान हो चुका है, लिहाजा अभी भी 5 और चरण की वोटिंग बाकी है. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से पत्र लिखकर लोगों और किसानों से एक अपील की है. इस अपील में कहा गया है कि ‘इस चुनाव में किसान विरोधी बीजेपी सरकार को जनता मतदान के माध्यम से सजा दे.’ साथ ही टिकैत ने लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की रिहाई और हिजाब मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
राकेश टिकैत ने यूपी तक से खास बातचीत में कहा है कि वह लोगों के बीच जाएंगे और उन्हें जागरूक करेंगे. उन्होंने कहा,
“जब भी बीजेपी का नेता वोट मांगने आएं तो रोजगार, महंगाई और फसल को लेकर सवाल करें कि आखिर उन्होंने इस पर क्या किया है. पंजाब में और कई राज्यों में बिजली फ्री है. हरियाणा में 15 रुपए हॉर्स पावर है. अपने उत्तर प्रदेश में 175 रुपए हॉर्सपावर है.12 गुना ज्यादा रेट का अंतर है, ये सब चीजें यहां के किसानों को पता रहनी चाहिए. मैं कहना चाहता हूं जब सरकार के लोग आपसे वोट मांगने आएं तो उनसे पूछें कि आखिर ऐसा क्यों है?”
राकेश टिकैत
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लखीमपुर कांड मामले में अजय मिश्रा की होने वाली रिहाई पर बोलते हुए टिकैत ने कहा, “उस मामले में जो आरोपी हैं, उनकी रिहाई मामले पर कोर्ट को तो मैं कुछ नहीं बोलना चाहता हूं, लेकिन जो किसानों की तरफ से वकील थे जब वे अपनी दलीलें पेश कर रहे थे तो उनका नेटवर्क कट गया था. इसलिए हम फिर कोर्ट से मांग करेंगे कि सुनवाई फिरसे की जाए और इस बार फिजिकली अपीयर होकर सुनवाई हो.”
किसान नेता राकेश टिकैत ने हिजाब मामले पर बातचीत की और कहा, “इनका (सरकार) हिजाब का मामला चार-पांच दिन चला और जनता ने इसे नकार दिया. जनता अब हिजाब पर नहीं हिसाब पर बात करेगी. गन्ने के भुगतान में देरी क्यों होती है, इन तमाम सवाल पर अब जनता बात करेगी. जनता में नाराजगी है क्योंकि यह बहकाने का काम करते हैं.”
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राकेश टिकट ने आगे कहा, “अस्पतालों की स्थिति ठीक नहीं है. कोरोना के समय में कई लोगों की मौतें हुई और ये लोग झूठ बोलते रहे. स्कूल आखिर क्यों बंद है? अगर चुनाव के लिए मीटिंग हो सकती है, तो स्कूल क्यों नहीं खोले जा सकते हैं? 3 साल से पढ़ाई बंद है, बच्चे बर्बाद हो रहे हैं. उनको लगता है कि देश में अनपढ़-गवारों की फौज खड़ी करके, मुफ्त में अनाज देकर और 5 से 8 हजार की नौकरी कराओ, अनपढ़ और बेरोजगारी पैदा करो, ताकि ये सवाल जवाब ना कर पाएं.”
किसान नेता राकेश टिकैत ने बातचीत में आगे बताया कि उनका अगला आंदोलन देश में बेरोजगारी और रोजगार से संबंधित होगा.
राकेश टिकैट ने कहा, “देश के संसाधन बेचे जा रहे हैं. ऐसे में देश के लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि वह बेचे जा रहे संसाधनों को बचाने के लिए एक अभियान चलाएं. महंगाई जो बढ़ी है, उसका असर सीधे गांव और शहर के लोगों पर पड़ा है. दुकानदारों की भी हालत ठीक नहीं है.”
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