UP सरकार ने मेरे खिलाफ दर्ज केसों को हटाने के लिए प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी: मंत्री सचान
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) को शस्त्र अधिनियम मामले में सोमवार को कानपुर की एक कोर्ट ने एक साल की जेल…
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उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) को शस्त्र अधिनियम मामले में सोमवार को कानपुर की एक कोर्ट ने एक साल की जेल की सजा सुनाई और उनपर 1500 रुपये का जुर्माना भी लगाया. इसके अलावा कोर्ट ने उनकी जमानत भी मंजूर कर दी. उन्हें फिलहाल जमानत पर रिहा कर दिया गया है. रिहाई के बाद मंत्री सचान ने यूपी तक से खास बातचीत की.
मंत्री सचान ने कहा कि आज जो फैसला आया है, उसको लेकर हम सेशन कोर्ट में अपील करेंगे.
अपनी सजा की फाइल लेकर कोर्ट से भागने के आरोपों पर मंत्री सचान ने कहा है, “कोई भी मुकदमा वकील लड़ता है, वकील ने मुझे कहा 5 मिनट के लिए आ जाइए, मैं 10:45 पर पहुंचा तो वकील ने कहा कि समय लगेगा, तो मैंने कहा कि तुमने कहा था कि तुरंत हो जाएगा, तो मैं बाहर आ गया. फिर वकील ने मुझे जाने के लिए बोला और कहा कि एप्लीकेशन दे देंगे, आप जाइए, इसलिए हम 11:45 बजे पर कोर्ट से चले आए.”
उन्होंने कहा कि अब कागज कोई ले गया या नहीं, वो सीसीटीवी से पता चलेगा. बता दें कि रविवार को उन्होंने अपनी सजा की फाइल लेकर कोर्ट से भागने के आरोपों को खारिज कर दिया था.
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मंत्री सचान ने बताया, “यूपी सरकार ने मेरे खिलाफ दर्ज केसों को हटाने के लिए कानपुर प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी, क्योंकि मैंने सीएम योगी को अपने केसों के बारे में बताया था, पर रिपोर्ट पहुंच नहीं पाई.”
जब मंत्री से पूछा गया कि अगर ये रिपोर्ट पहुंच जाती, तो शायद ‘सजा की फाइल लेकर कोर्ट से भागने की घटना नहीं होती’, इसपर उन्होंने कहा कि जो होना होता है वही होता.
बता दें कि सचान के खिलाफ अपनी सजा की फाइल लेकर कोर्ट से भागने का गंभीर आरोप लगा है. कानपुर की एक अदालत ने शनिवार को सचान को शस्त्र अधिनियम मामले में दोषी ठहराया था.
आरोप है कि अदालत सजा सुनाती, उससे पहले ही मंत्री अपने वकील की मदद से दोषसिद्धि आदेश की मूल प्रति लेकर ही फरार हो गए. यही नहीं, वह जमानत मुचलका भरे बिना ही अदालत कक्ष से भाग निकले.
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वहीं, जब सचान से पूछा गया कि क्या वह यूपी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देंगे?, तो इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह घटना 30 साल पुरानी है, कोई मतलब नहीं है, मेरे पास लाइसेंस वाला हथियार था, गलत मुकदमा लगाया गया.
विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप- ‘अगर मंत्री आम आदमी होते, तो अब तक गिरफ्तार हो जाते’-पर मंत्री सचान ने कहा कि मैं क्यों कहीं जाऊंगा, जब पर्चा लेकर नहीं भागा. इसके अलावा कानपुर पुलिस द्वारा पूछताछ की गई या नहीं के सवाल पर मंत्री सचान ने कहा कि मेरी पुलिस से कोई बातचीत नहीं हुई है.
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