मेरठ: थाने के बाहर लिखा गया- ‘BJP कार्यकर्ताओं का आना मना है’, पर असल कहानी कुछ दूसरी है

उस्मान चौधरी

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उत्तर प्रदेश के मेरठ में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया जब, जिले के एक थाने के बाहर बीजेपी विरोधी बैनर लगा मिला. दरअसल, जिले के मेडिकल पुलिस थाने में लगे एक कथित बैनर की तस्वीर शुक्रवार को वायरल हुई जिसमें लिखा था कि बीजेपी कार्यकर्ताओं का थाने आना मना है.

मामले में पुलिस ने क्या कहा?

इस संबंध में मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी का कहना है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने यह काम किया और औ उनकी पहचान कर ली गई है. उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

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बैनर की तस्वीर शेयर कर अखिलेश ने बीजेपी को घेरा

थाने की दीवार में लगे बैनर की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामले ने उस समय तूल पकड़ा, जब समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उसकी तस्वीर ट्वीट की. अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा,

“ऐसा पहली बार हुआ है इन पांच-छह सालों में. सत्तापक्ष के लोगों का आना मना हुआ थानों में. ये है यूपी की बीजेपी सरकार का बुलंद इकबाल.”

अखिलेश यादव

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सोशल मीडिया पर वायरल वायरल वीडियो में कथित रूप से थाने में एक पोस्टर लगा हुआ है, जिस पर ‘भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है’ लिखा हुआ है. पोस्टर में आगे थाना प्रभारी संतशरण सिंह का नाम लिखा हुआ है.

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क्या है विवाद?

मिली जानकारी के अनुसार, विवाद एक पूजा नाम की महिला का है. पूजा का आरोप है कि सात महीने पहले उसके पति की मौत हो गई थी, उस के दो बच्चे हैं. उसके पति की एक दुकान थी और उसके देवर ने दुकान पर कब्जा कर लिया. आरोप है कि पूजा दुकान को खाली करने के लिए पुलिस के पास आई थी, लेकिन पुलिस ने उस के साथ अभद्रता की.

इसके बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई. बीजेपी के युवा मोर्चा के पूर्व जिला मंत्री कुलदीप ने बताया, “एक महिला के पति का देहांत हो गया था और उसकी दुकान महिला के नाम आ गई थी और उसकी दुकान दिलाने के लिए थाने आए थे. मगर यहां न्याय की जगह बदतमीजी की गई. यहां सिविल में दो-तीन सिपाही थे उन लोगों ने धक्का-मुक्की भी की.”

इस मामले को लेकर मेरठ के एसपी (सिटी) विनीत भटनागर ने कहा, “जानकारी में आया है कि थाना मेडिकल में कुछ व्यक्ति द्वारा प्रॉपर्टी खाली कराने का अनुचित दबाव बनाया जा रहा था. मानवता के नाते दोनों पक्षों की वार्ता भी कराई गई. पुलिस द्वारा किसी का कब्जा नहीं हटाया जा सकता. दबाव बनाने के लिए भीड़ जमा करी गई. यह भी पता चला है कि यही लोग एक पोस्टर लेकर आए, जिसमें एक खास राजनीति दल का नाम अंकित करते हुए लिखा था कि यहां पर इन कार्यकर्ताओं का आना मना है.”

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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