लखीमपुर खीरी हिंसा | कांग्रेस बोली- ”अजय मिश्रा टेनी का घर कब बुल्डोजर से गिराया जाएगा?”

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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर कांग्रेस उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर हमलावर है. इस बीच यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है, ”अजय मिश्रा टेनी का घर कब बुल्डोजर से गिराया जाएगा? अजय मिश्रा टेनी से वसूली के पोस्टर चौक-चौराहों पर कब लगेंगे? यूपी जानना चाहता है मुख्यमंत्री जी.”

कांग्रेस ने लखीमपुर खीरी जाते हुए प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने को गैरकानूनी कदम करार देते हुए सोमवार को कहा कि प्रियंका को तत्काल रिहा कर हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने के लिए जाने दिया जाए और इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त कर उनके बेटे की गिरफ्तारी की जाए.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने यह भी कहा कि कांग्रेस किसानों की ‘हत्या किए जाने’ के विरोध में मंगलवार को देशव्यापी प्रदर्शन करेगी.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा समेत कुछ वरिष्ठ नेता लखीमपुर खीरी जा रहे थे. तभी रास्ते में उन्हें सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया.

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दीपेंद्र हुड्डा ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा है, ”लखीमपुर जाते समय हमारे साथ ये व्यवहार क्यों हुआ..क्यूं हमें कल रात से हिरासत में रखा है? जबकि हम केवल 4 व्यक्ति पीड़ित परिवारों के दुख में शामिल होना चाहते थे.”

इस बीच, ‘लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों की आवाज उठाने और न्याय दिलाने के लिए’ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीतापुर पीएसी छावनी के सामने कैंडल लाइट मार्च किया है.

क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा मामला?

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार को भारी हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. हिंसा की यह घटना तिकुनिया से 4 किलोमीटर दूर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पैतृक गांव बनवीरपुर में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई.

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संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसान केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे. मोर्चा ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के गाड़ियों के काफिले ने किसानों को रौंदा और फायरिंग भी की गई. बताया जा रहा है कि यह काफिला डिप्टी सीएम को रिसीव करने के लिए आ रहा था.

इस मामले में आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे. इसके साथ ही आशीष ने दावा किया है, ”हमारे कार्यकर्ता डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहे थे, जैसे ही वो लोग तिकुनिया से निकले, तो अपने आप को किसान कहने वालों ने आक्रमण कर दिया.”

पत्रकार, किसान, BJP कार्यकर्ता… लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए 8 लोग कौन थे?

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