RLD के BJP के साथ ‘समझौता’ होने के लग रहे आरोपों पर जयंत चौधरी ने दिया ये बड़ा जवाब
जयंत चौधरी ने कहा, ‘‘आप चौधरी चरण सिंह की महान विरासत की तुलना 2024 के छोटे से चुनाव से कर रहे हैं, आप उनके कद को कम कर रहे हैं और उनके समर्थकों का अपमान कर रहे हैं. यह भारत रत्न जैसे सम्मान का अपमान है.’’
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राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) नेता जयंत चौधरी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की विरासत की तुलना 2024 के ‘छोटे से चुनाव’से करना उनके कद को कम करना है. इसी के साथ उन्होंने रालोद और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के बीच ‘समझौते’के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
जयंत चौधरी ने यह टिप्पणी उनके दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन को छोड़कर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने को लेकर लग रहे कयासों पर की.
चौधरी ने कहा, ‘‘आप चौधरी चरण सिंह की महान विरासत की तुलना 2024 के छोटे से चुनाव से कर रहे हैं, आप उनके कद को कम कर रहे हैं और उनके समर्थकों का अपमान कर रहे हैं. यह भारत रत्न जैसे सम्मान का अपमान है.’’
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रालोद के भाजपा के साथ ‘समझौता’ होने के लग रहे आरोपों पर उन्होंने कहा, ‘‘भारत रत्न सम्मान के लिए चुनने की एक पवित्र प्रक्रिया है। सरकार राष्ट्रहित में लोगों की भावना को ध्यान में रखकर फैसला करती है...उनके निधन के 37 साल के बाद सरकार ने उन्हें सम्मानित करने पर विचार किया. अगर वे इसमें कुछ गलत देखते हैं और सोचते हैं कि यह कोई समझौता है तो यह उनके वैचारिक पतन को दिखाता है.’’
जयंत से जब पूछा गया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ समझौते में क्या गलत हुआ तो उन्होंने कहा कि यह ‘आंतरिक मामला’ है. उन्होंने कहा कि वह बाद में बताएंगे कि क्यों उनका रुख बदला.
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रालोद नेता ने कहा, ‘‘वे आंतरिक मामले हैं जो विश्वास आधारित हैं. अखिलेश जी और मेरे बीच जो भी चर्चा हुई उसे बाहर नहीं बताया जा सकता...जब हमारा गठबंधन तय हो जाएगा और उसकी घोषणा कर दी जाएगी तब मैं बता पाऊंगा कि क्यों मैंने अपना रुख बदला और आगे का कदम क्या है.’’
जयंत ने पहले कहा था कि वह ‘चवन्नी नहीं जो पलट जाएंगे.’’इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टिप्पणी की भी ‘अंतिम मियाद’होती है.
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उन्होंने कहा, ‘‘यह पहले भी होता था लेकिन उस समय का रिकॉर्ड हमेशा उपलब्ध नहीं होता था. यह इंटरनेट का जमाना है और 20 साल पहले के मेरे बयान भी आप देख सकते हैं जब भाजपा के समर्थन से मैंने चुनाव लड़ा था और मथुरा सीट पर जीत दर्ज की थी. बयानों की अंतिम मियाद होती है, जो चुनाव प्रचार के दौरान दिए जाते हैं...अमित शाह ने मेरे बारे में कुछ कहा था, मैंने अपने लोगों को एकजुट रखने के लिए कुछ कहा था. मेरी मंशा उन्हें अपमानित करने की नहीं थी, न ही उन्होंने इसे व्यक्तिगत तौर पर लिया. अन्यथा चौधरी साहब को भारत रत्न मिलता? ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं लोकदल के लिए जिम्मेदार हूं। मेरी जिम्मेदारी यह देखना है कि कैसे मैं अपने लोगों के लिए बेहतर कर सकता हूं और कैसे किसानों की मदद कर सकता हूं. मैं इसी आधार पर फैसला लूंगा.’’
जयंत चौधरी की यह टिप्पणी आम चुनाव से पहले रालोद के भाजपा नीत राजग में जाने को लेकर लग रहे कयासों के बीच आई है. जयंत ने शनिवार को उनके दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर मोदी सरकार की प्रशंसा की.
चौधरी चरण सिंह को शुक्रवार को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा किए जाने के बाद जयंत ने कहा था, ‘‘दिल जीत लिया.’’
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