धनंजय सिंह के जेल जाने पर नाराज समर्थक दिखा रहे बवालिया रंग, पत्नी श्रीकला ने अब की ये अपील

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Dhananjay Singh News: जौनपुर की विशेष सांसद-विधायक अदालत ने अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में बुधवार को बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके एक सहयोगी को सात-सात साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई. इस सजा के बाद धनंजय अब आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. सजा का ऐलान होते ही न्यायालय परिसर में जमा हुए धनंजय सिंह के तमाम समर्थक मायूस हो गए. मौके मौजूद एक महिला रोते हुए भी नजर आई. वहीं, अब धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह ने बाहुबली नेता के समर्थकों के लिए एक खास अपील की है.

श्रीकला ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "आप सभी से एक अपील...हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं लेकिन फैसला न्यायपालिका ने दिया है जिसका हमें सम्मान करना‌ चाहिए व साथ ही साथ अपने नेता श्री धनंजय जी का अनुसरण करते हुए किसी भी नेता अथवा दल के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपके नेता के व्यक्तित्व पर दुष्प्रभाव पड़ेगा. आपके नेता ने बड़ी सूचिता की राजनीति की है ,कभी किसी भी दल अथवा नेता के लिए ग़लत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, कृपया आप भी संयम बनाएं, धैर्य से काम लें. आपके नेता को आपके सहानुभूति की जरूरत है. उम्मीद करती हूं कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे."

 

 

किस मामले में धनंजय सिंह को हुई है सजा?

 जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश पांडेय ने यहां बताया कि 10 मई 2020 को नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक के अपहरण, रंगदारी मांगने, षड्यंत्र रचने तथा अपशब्द कहने और धमकी देने के मामले में विशेष सांसद-विधायक अदालत के न्यायाधीश शरद कुमार त्रिपाठी ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम को मंगलवार को दोषी ठहराया था.  अदालत ने बुधवार को उन्हें सात-सात साल की कैद और 75-75 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह सजा सुनाये जाने के बाद धनंजय लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अब चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए हैं.

पांडेय ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइनबाजार थाने में अपहरण, रंगदारी तथा अन्य धाराओं में धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम पर भारतीय दंड संहिता की धारा 364, 386, 504, 506 तथा 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ सिंघल का अपहरण कर उसे पूर्व सांसद धनंजय सिंह के घर ले गया था जहां धनंजय सिंह पिस्तौल लेकर आए और अपशब्द तथा धमकी देते हुए रंगदारी मांगी. उन्होंने बताया कि इस मामले में धनंजय और संतोष विक्रम को गिरफ्तार किया गया था. बाद में उच्च न्यायालय से उन्हें जमानत मिल गई थी.

 

 

लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे धनंजय सिंह

आपको बता दें कि धनंजय सिंह ने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तैयारी की थी. वह पहले राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) के घटक दल जनता दल-यूनाइटेड के टिकट पर जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन मगर भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया जिससे धनंजय निराश होकर समाजवादी पार्टी से टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे.

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