BSP की स्टेट लेबल बैठक के बीच में सुप्रीमो मायावती ने इस खतरे को लेकर किया आगाह, इनसाइड स्टोरी जानिए
लखनऊ में बीएसपी की राज्य स्तरीय बैठक में मायावती ने धार्मिक स्थलों के अपमान पर चिंता जताई और राजनीतिक साजिश की आशंका जाहिर की. उन्होंने सरकारों से सांप्रदायिक राजनीति छोड़कर सख्त कार्रवाई की मांग की.
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बहुजन समाज पार्टी चीफ मायावती ने रविवार को लखनऊ में बीएसपी की राज्य स्तरीय बैठक को संबोधित किया. इस बैठक में मायावती ने राज्य में विभिन्न धर्म के पूजा स्थलों और सम्मानित हस्तियों के कथित अनादर के मामले को उठाया. बीएसपी सुप्रीमो ने इसमें राजनीतिक साजिश को लेकर चिंता जताई. उन्होंने सरकार को आगाह किया कि सांप्रदायिक और घृणास्पद राजनीति छोड़कर ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी रुख अपनाना चाहिए ताकि देश में शांति स्थापित हो सके.
बीएसपी को बढ़ाने के अभियान की समीक्षा की
हाल के सालों में बीएसपी का गिरता पोलिटिकल ग्राफ मायावती के लिए बड़ी चिंता का विषय रहा है. पिछले दिनों बसपा सुप्रीमो ने कोर्स करेक्शन करते हुए भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक के पद पर वापसी कराई तो उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को भी पार्टी में वापस लिया. अब मायावती ने इस बैठक में पार्टी के जमीनी आधार को विस्तार देने के लिए जिला- और बूथ-स्तरीय समितियों के गठन के लिए शुरू किए गए अभियान की समीक्षा भी की है.
बाद में बीएसपी की ओर से जारी बयान में बताया गया बै कि मायावती ने बिना नाम लिए यूपी और अन्य राज्यों में धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का मामला उठाया. मायावती के हवाले से कहा गया कि सभी सरकारों को संकीर्ण, जातिवादी, सांप्रदायिक और घृणास्पद राजनीति छोड़कर ऐसे आपराधिक तत्वों के प्रति सख्त कानूनी रुख अपनाना चाहिए. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को नई राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों के बारे में भी आगाह किया.
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बीएसपी ने संगठनात्मक अभियान का 80 फीसदी लक्ष्य हासिल किया
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि पार्टी ने संगठनात्मक अभियान के लिए लगभग 80 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है. उन्होंने कहा कि बीएसपी संस्थापक कांशी राम की पुण्यतिथि के अवसर पर 9 अक्टूबर को होने वाले राज्य-व्यापी कार्यक्रम के बाद बाकी कामों की समीक्षा की जाएगी. मायावती ने .यह भी ऐलान किया कि लखनऊ में 'मान्यवर श्री कांशी राम जी स्मारक स्थल' पर एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसका नेतृत्व वह करेंगी. यहां भी भविष्य की राजनीतिक चुनौतियों के लिए पार्टी की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
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