आप उर्दू की वकालत कर रहे, अजीब बात है...विधानसभा में सपा पर जमकर बरसे CM योगी, ये थी वजह 

यूपी तक

बजट सत्र की शुरुआत में यूपी विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा को निशाने पर लिया. दरअसल हुआ ये कि यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने सदन में अंग्रेजी भाषा के उपयोग पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि यदि अंग्रेजी को अनुमति दी जा रही है, तो फिर उर्दू को भी शामिल किया जाना चाहिए.

ADVERTISEMENT

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ - फोटो: किसान तक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ - File Photo
social share
google news

CM Yogi News: यूपी विधानमंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू हो गया है. पहले दिन विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सदन को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संबोधित किया. बजट सत्र की शुरुआत में यूपी विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा को निशाने पर लिया. दरअसल हुआ ये कि यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने सदन में अंग्रेजी भाषा के उपयोग पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि यदि अंग्रेजी को अनुमति दी जा रही है, तो फिर उर्दू को भी शामिल किया जाना चाहिए.

इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यूपी की विभिन्न बोलियों को सदन में सम्मान दिया जा रहा है और ये सभी हिंदी की ही संतानें हैं. हमें इसका स्वागत करना चाहिए.

 

 

सीएम योगी का तंज- 'सपा का चरित्र ही यही है'

सीएम योगी ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 'आप उर्दू की वकालत कर रहे हैं, यह अजीब बात है. सपा का चरित्र ही यही हो गया है. अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाएंगे और यहां उर्दू की वकालत करेंगे." उन्होंने कहा कि 'आज जब भोजपुरी और अवधी जैसी बोलियों को सम्मान मिल रहा है, तब आपको आपत्ति हो रही है. यही आपका ढोंग है.'

भोजपुरी और अवधी अकादमी के गठन का ऐलान

सीएम योगी ने ऐलान किया, "हमारी सरकार भोजपुरी और अवधी अकादमी का गठन कर रही है, जिससे क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा मिले." उन्होंने कहा कि सपा नेताओं को समाज के सामने बेनकाब किया जाना चाहिए, क्योंकि वे अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन आम जनता के लिए उर्दू की वकालत करते हैं. इस पर माता प्रसाद पांडे ने कहा कि गांव से आए हुए कितने लोग अंग्रेजी समझेंगे? उन्होंने तर्क दिया कि अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल ग्रामीण जनता के लिए बाधा बन सकता है. 

यह भी पढ़ें...

    follow whatsapp