BJP ने चंद्रभान पासवान को बनाया मिल्कीपुर उपचुनाव में कैंडिडेट, कौन हैं ये?
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा ने चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है। समाजवादी पार्टी पहले ही अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को यहां से प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।
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Milkipur byelection: मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए घमासान तेज हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आखिरकार इस सीट से प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने मिल्कीपुर में चंद्रभान पासवान को उम्मीदवार बनाया है. मिल्कीपुर उपचुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच ही माना जा रहा है. सपा ने पहले ही यहां से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बना रखा है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) चीफ मायावती ने मिल्कीपुर उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है. कांग्रेस ने विपक्ष के इंडिया गठबंधन का धर्म निभाते हुए पहले ही सपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है.
कौन हैं चंद्रभान पासवान?
चंद्रभान पासवान पासी समाज से आते हैं. मिल्कीपुर सीट पर पासी समाज के 50 हजार से अधिक वोट हैं. सपा कैंडिडेट अजीत प्रसाद भी इसी समाज से आते हैं. उनके पिता और सांसद अवधेश प्रसाद का इस वोट बैंक पर अच्छा होल्ड माना जाता है. बीजेपी ने पासी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए ही पासी कैंडिडेट दिया है.
चंद्रभान पासवान रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे हैं. अभी इनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं. इसका परिवार मुख्य रूप से सूरत का व्यवसायी परिवार है. साड़ी के व्यापार में पूरा परिवार सक्रिय है. ये रुदौली में भी साड़ी का कारोबार करते हैं. चंद्रभान पासवान पिछले 2 वर्षों से मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर सक्रिय थे.
बीते दिनों अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा होने के साथ भाजपा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में कई मंत्रियों को प्रचार के लिए लगा दिया है. समाजवादी पार्टी (सपा) भी इस प्रतिष्ठित सीट पर जीत को लेकर आश्वस्त है. निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को घोषणा की कि मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव पांच फरवरी को होंगे, जबकि मतगणना 10 फरवरी को होगी. इससे पूर्व, नौ सीट पर नवंबर, 2024 में उपचुनाव हुए थे जिसमें भाजपा और इसकी सहयोगी रालोद ने सात सीट जीती थीं, जबकि सपा के खाते में दो सीट आई थीं.
सपा नेता अवधेश प्रसाद के 2024 में लोकसभा में जाने से मिल्कीपुर विधानसभा सीट खाली हुई. वर्ष 2022 में अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी. भाजपा अयोध्या में हुए नुकसान की भरपाई करने की चुनौती का सामना कर रही है और उसने योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शीर्ष नेताओं को प्रचार में उतारने की तैयारी की है. भाजपा सूत्रों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर में भाजपा के प्रचार की देखरेख के लिए मंत्री सूर्य प्रताप साही की अगुवाई में छह मंत्रियों को लगाया है। इनमें जल संसाधन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौड़, आयुष मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और सतीश शर्मा शामिल हैं.
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क्या है मिल्कीपुर का जातीय समीकरण
आपको बता दें कि मिल्कीपुर में 3.50 लाख से अधिक वोटरों वाली इस सीट पर सर्वाधिक आबादी दलितों की है. इस सीट पर 1.30 लाख से अधिक दलित वोटर हैं. चूंकि, सभी प्रत्याशी इसी बिरादरी से हैं, इसलिए नतीजों का रुख अगड़े-पिछड़े ही तय करेंगे. यहां 55 हजार यादव और 30 हजार से अधिक मुस्लिम वोटर हैं. वहीं, 60 हजार से अधिक ब्राह्मण, 30 हजार क्षत्रिय, 50 हजार से अधिक कोरी, चौरसिया, पाल और मौर्य आदि बिरादरी के वोटर हैं.

पिछली बार किसे कितने वोट मिले थे?
- सपा के अवधेश प्रसाद को 103,905 वोट मिले थे.
- भाजपा के बाबा गोरखनाथ को 90,957 वोट मिले थे.
- बसपा की मीरा देवी को 14,427 मिले थे.
- कांग्रेस की नीलम कोरी को 3,166 वोट मिले थे.