अखिलेश यादव ने निकाल दिया था सपा से... अब भाजपा के साथ मिल प्रयागराज में खेल करेंगी पूजा पाल!
सपा विधायक पूजा पाल ने डेप्युटी सीएम केशव मौर्य के पैर छूकर BJP में जाने के संकेत दे दिए हैं. वहीं, मायावती ने क्यों कहा कि अब स्मारकों में नहीं जाएंगी? एक नजर में जानिए UP में क्या चल रहा बड़ा.
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यूपी Tak के खास शो 'आज का यूपी' में हम उत्तर प्रदेश की राजनीति से जुड़ी तीन बड़ी खबरों की विस्तार से चर्चा करेंगे. इस समय समाजवादी पार्टी की बागी विधायक पूजा पाल की चर्चा जोरों पर है. पूजा पाल ने यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पैर छूकर इस बात की कयासबाजी तेज कर दी है कि वह भाजपा जॉइन कर सकती हैं. वहीं दूसरी ओर सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने संसद में पूर्वांचल की खस्ताहाल सड़कों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. इन सबके बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने कार्यकाल में बनवाए गए स्मारकों को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है कि वह अब महापुरुषों की जयंतियों पर वहां नहीं जाएंगी.
क्या अब भाजपा जॉइन कर लेंगी पूजा पाल?
समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पैर छूकर आशीर्वाद लिया है. पूजा पाल के इस कदम से उनकी बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं. पूजा पाल पर राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी लाइन के खिलाफ वोट देने के बाद से ही बागी विधायक का टैग लग चुका है. कुछ दिन पहले ही पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने पूजा पाल को सपा से बाहर निकाल दिया था. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह चुनाव लड़ेंगी, लेकिन कौशाम्बी या प्रयागराज की किस सीट से लड़ेंगी यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा तय किया जाएगा.
पूजा पाल ने कहा कि वह अभी 'सेवा भाव' से बीजेपी के साथ जुड़ी हुई हैं. उन्हें बीजेपी से परिवार की तरह स्नेह और प्रेम मिलता है. उन्होंने कहा कि 18 सालों की लड़ाई के बाद बीजेपी ने उन्हें न्याय दिलाया है.
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पूर्वांचल की खस्ताहाल सड़कों पर संसद में गरजे धर्मेंद्र यादव!
समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव संसद के भीतर खासे सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. वह लगातार केंद्र सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर घेर रहे हैं. कफ सिरप कांड के बाद उन्होंने पूर्वांचल की खस्ताहाल सड़कों पर सवाल उठाए हैं. धर्मेंद्र यादव ने सदन में बनारस से आजमगढ़ के बीच जौनपुर जनपद में पड़ने वाले 18 किलोमीटर के टू-लेन हिस्से को जल्द से जल्द फोर लेन में बदलने की मांग की है. उन्होंने बताया कि यह हिस्सा बौद्ध सर्किट के अंतर्गत आता है और इसे पार करने में घंटों लग जाते हैं.
उन्होंने आजमगढ़ के कोटला में स्थित टोल प्लाजा को लेकर भी शिकायत की. उनका आरोप है कि टोल वालों का इतना आतंक है कि उन्होंने लोकल लिंक रोड्स (संपर्क मार्गों) पर भी बैरियर डाल दिए हैं, जिससे बच्चों की स्कूल बसें तक नहीं निकल पातीं.
मायावती का बड़ा ऐलान- अब स्मारकों में नहीं मनाएंगी महापुरुषों की जयंती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने कार्यकाल में लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर समेत अन्य जगहों पर बनवाए गए स्मारकों को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि अब से वह इन स्मारकों में महापुरुषों की जयंती या पुण्यतिथि मनाने के लिए नहीं जाएंगी. इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि अब ये स्मारक, खासकर अंबेडकर पार्क और रमाबाई स्थल, दलितों और पिछड़े समाज के बड़े महापुरुषों के दर्शनीय स्थल बन गए हैं. उनका मानना है कि ये स्थल लोगों के लिए पुण्य भूमि और धार्मिक स्थल जैसे हो गए हैं, इसलिए यहां अब किसी भी तरह का सियासी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए. मायावती ने कहा कि अब महापुरुषों की जयंती या तो पार्टी दफ्तर में मनाई जाएगी या इसके लिए अलग से कार्यक्रम किए जाएंगे.











