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पिछले पांच साल की तरह बिना काम किए गुजर गए योगी सरकार के शुरुआती 6 महीने: अखिलेश यादव

भाषा

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के शुरुआती छह महीनों के कार्यकाल की आलोचना…

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समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के शुरुआती छह महीनों के कार्यकाल की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि दूसरी सरकार के छह महीने भी वैसे ही बिना कोई काम किए बीत गए जैसे पिछले छह साल गुजरे थे.

यादव ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की दूसरी सरकार के छह माह भी वैसे ही बिना कोई काम किए बीत गए जैसे पिछले पांच साल बीते थे. उन्होंने कहा कि इस सरकार के मंत्री आरोप-प्रत्यारोप में जूझते रहे,लेकिन भ्रष्टाचार पर कहीं अंकुश नहीं लगा.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की छह महीने की दूसरी सरकार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) खुद ही असहाय दिखे, उनके तमाम सख्त आदेशों-निर्देशों के बावजूद अपराध कम नहीं हुए हैं.

यादव के मुताबिक कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब लूट, हत्या, अपहरण की घटनाएं न होती हों. महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में उत्तर प्रदेश की देश भर में हो रही बदनामी का जिक्र करते हुए कहा कि हालत इतने बिगड़े गए हैं कि अब थाने में भी कोई महिला सुरक्षित नहीं है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा के मंत्री, विधायक अपनी सरकार के पांच काम भी गिनाने की स्थिति में नहीं है. गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार सत्ता में आई उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रविवार को अपने छह माह पूरे कर लिये.

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सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सत्ता के नशे में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता खुद को ही सरकार समझ बैठे हैं. कहीं वे अधिकारियों को धमकाते नजर आते हैं, तो कहीं विधायक अपनी ही सरकार को कोसते दिखते हैं.

अवैध कार्यवाहियों में भी भाजपा नेताओं के नाम आ रहे हैं. सरकार उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के बजाय उन्हें संरक्षण दे रही है. ऐसी अराजकता और ध्वस्त कानून-व्यवस्था पहले कभी नहीं देखी गई.

यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा राज की सबसे बड़ी देन भ्रष्टाचार और महंगाई है. उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग और कई अन्य विभागों में भाजपा सरकार द्वारा तबादला-तैनाती में खुलकर लूट की गई और जांच के नतीजे में सिर्फ लीपापोती हुई. उन्होंने कहा कि रोजगार के लंबे-चौड़े वादे जरूर हुए पर नौजवानों को रोजगार नहीं मिला.

उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले दिनों सदन में यह बात स्वीकार की कि किसानों को मुफ्त बिजली देने का सरकार का कोई इरादा नहीं है. यादव ने कहा कि चुनाव के समय किसानों के वोट लेने के लिए मुफ्त बिजली देने का जो वादा किया गया था, अब उसे जुमला मान लिया गया है और यही हाल प्रधानमंत्री के किसानों की आय दोगुनी करने का है.

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