अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी में सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, BJP ने उठाए सवाल

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समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान हो गया है. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तैयारियां शुरू करने के लिए बड़े स्तर पर नेतृत्वकर्ताओं और कार्यकर्ताओं को काफी समय से इसका इंतजार था. रविवार को जारी सूची में हाल ही में सपा में शामिल हुए शिवपाल यादव को भी बड़ी जिम्मेदारी मिली है. हाल ही में रामचरित मानस पर बयान देकर विवादों में आए स्वामी प्रसाद मौर्य को भी कार्यकारिणी में शामिल किया है. वहीं अब इसको लेकर बीजेपी ने अखिलेश यादव को घेरना शुरू कर दिया है.

बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के महासचिव बनाए जाने पर कहा कि स्वामी प्रसाद को रामचरितमानस के अपमान का पुरस्कार मिला है. समाजवादी पार्टी चाहती है कि उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़े.

भाजपा नेता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सपा यूपी में जातीय संघर्ष उत्पन्न करना चाहती है. सपा अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होगी. अखिलेश यादव का हिंदू विरोधी और जातिवादी चेहरा सामने आया है. स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों रामचरितमानस विवादित बयान को लेकर काफी चर्चा में हैं. स्वामी प्रसादी मौर्य पर पिछले कुछ दिनों में लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में केस भी दर्ज किए गए. साथ ही विपक्ष समेत देश भर में उनके बयानों को लेकर काफी विरोध पैदा हो गया है. हालांकि इसके बाद भी स्वामी प्रसादी मौर्य को अखिलेश यादव ने पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया है.

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दरअसल, सपा ने शिवपाल यादव, आजम खान और स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है. वहीं अखिलेश यादव एक बार फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं, जबकि किरनमय नन्दा राष्ट्रीय उपाध्य और रामगोपाल यादव राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव बनाए गए हैं. शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी लोकसभा सीट जीतने में अहम भूमिका निभाई थी. आजम खान को भी सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है.

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