नीतीश कुमार की विपक्षी एकता बैठक में अखिलेश यादव को भी मिला न्यौता, जाएंगे पटना

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Uttar Pradeh News: 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर देशभर में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. एक तरफ बीजेपी केंद्र की मोदी सरकार के 9 साल को जोरशोर से सेलिब्रेट कर रही है, तो दूसरी तरफ विपक्षी एकजुटता की तमाम कवायदें भी आकार लेती नजर आ रही हैं. इसी क्रम में बिहार सीएम नीतीश कुमार ने 12 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक का आयोजन किया है. अब खबर यह है कि अखिलेश यादव भी इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे.

समाजवादी पार्टी (एसपी) चीफ अखिलेश यादव को 12 जून को पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक का न्यौता मिला है. अखिलेश यादव भी इसमें शामिल होंगे. आपको बता दें कि बिहार सीएम नीतीश कुमार पिछले काफी दिनों से विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव की तैयारी

पिछले महीने सबसे पहले उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी से दिल्ली जाकर मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, राष्ट्रीय लोकदल नेता जयंत चौधरी, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल समेत सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई माले के नेताओं के साथ मुलाकात की.

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पटना जाएंगे अखिलेश

इन मुलाकातों के बाद अब एकजुटता की कवायद को आगे बढ़ाने के लिए नीतीश कुमार ने 12 जून को पटना में बड़ी बैठक आयोजित की है. इससे पहले अखिलेश यादव भी ममता बनर्जी और तेलंगाना सीएम के. चंद्रशेखर राव संग विपक्षी एकता की कोशिशें कर चुके हैं. हालांकि नीतीश कुमार की कोशिश है कि कांग्रेस के बिना कोई गठबंधन न तैयार हो.

यूपी में दिखेगी विपक्षी एकता!

उधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी पुष्टि कर दी है कि नीतीश कुमार की बैठक में उनकी पार्टी हिस्सा लेगी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी की तरफ से कौन जाएगा, ये तय होना अभी बाकी है. नीतीश कुमार की बैठक के बाद यह देखना अहम होगा कि यूपी में विपक्षी एकता कैसा स्वरूप लेती है. अभी तक तो अखिलेश, कांग्रेस और बसपा के सुर अलग-अलग ही नजर आ रहे हैं. आगे चलकर इनमें क्या बदलाव आए, इसपर नजर रहेगी. ऐसा इसलिए भी क्योंकि यूपी की 80 लोकसभा सीटें यह तय करेंगी कि 2024 में केंद्र के नेतृत्व का जिम्मा किस दल को मिलेगा. इसलिए यूपी में विपक्षी एकता पर बीजेपी की भी नजर होगी, क्योंकि उसके लिए भी सबसे अहम राज्य फिलहाल बीजेपी ही है.

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