लखीमपुर खीरी हिंसा में मृतकों के परिजनों से मिलने के लिए निकले अखिलेश, जानें क्या कहा

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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद से सियासी घमासान जारी है. लंबी जद्दोजहद के बाद बुधवार रात कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की. आज यानी 7 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी के लिए निकल गए हैं.

लखीमपुर खीरी निकलने से पहले अखिलेश ने मीडिया से बात की और बीजेपी पर आरोप लगाए-

लखीमपुर खीरी निकलने से पहले अखिलेश ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “5 लोगों की अनुमति मिली है और 5 लोग ही जाकर परिवारों से मुलाकात करेंगे.” उन्होंने आगे कहा, “जो नामजद हैं, जिन्होंने ऐसी घटना की है वो जेल जाएं. जो धाराएं उनके ऊपर हैं सरकार तुरंत कार्रवाई करे.”

अखिलेश ने की सिटिंग जज से जांच की मांग

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“भारतीय जनता पार्टी की सरकार में अजय मिश्रा टेनी मंत्री हैं, उंगली उनपर उठी है इसलिए जेल नहीं भेजा जा रहा है. नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन से सबसे ज्यादा नोटिस सरकार को मिले हैं. कस्टोडियल डेथ सबसे ज्यादा यूपी में हुई हैं. ये तमाम चीजें बताती हैं, सरकार लॉ एंड ऑर्डर में फेल हो गई है. सरकार के रहते हुए न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए सिटिंग जज की मॉनिटरिंग में यह जांच हो तभी परिवारों को न्याय मिलेगा.”

एसपी चीफ अखिलेश यादव

लखीमपुर खीरी में गुरुवार को एसपी चीफ अखिलेश यादव हिंसा में मारे में किसान नक्षत्र सिंह, लवप्रीत सिंह और पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों से मिलेंगे.

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इससे पहले एसपी चीफ अखिलेश यादव ने यूपी तक से बातचीत में लखीमपुर खीरी की घटना को तानाशाही का उदहारण बताया था. उन्होंने कहा था, ”जो लखीमपुर में हुआ है, ये तानाशाही का एक उदाहरण है. हिटलरशाही में भी ऐसा नहीं हुआ होगा, जहां पर किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी गई हो. गाड़ी चढ़ाने से, कुचल जाने से किसानों की मृत्यु हुई है. वहां एक पत्रकार भी मरा है.”

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यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए गुरुवार को लखीमपुर खारी जाएंगे.

क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा मामला?

यूपी के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार को भारी हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. यह घटना तिकुनिया से 4 किलोमीटर दूर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पैतृक गांव बनवीरपुर में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई.

संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया है कि प्रदर्शनकारी किसान केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे. मोर्चा ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के गाड़ियों के काफिले ने किसानों को रौंदा और फायरिंग भी की.

इस मामले में आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे.

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