वाराणसी: टेंट सिटी में दिखेगी मिनी काशी, आध्यात्मिकता के साथ होगा आधुनिकता का गठजोड़

रोशन जायसवाल

इस बार पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की ना केवल जनता को, बल्कि देशभर के आस्थावानों को वाराणसी में बड़ी सौगात नए वर्ष पर…

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इस बार पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की ना केवल जनता को, बल्कि देशभर के आस्थावानों को वाराणसी में बड़ी सौगात नए वर्ष पर मिलने जा रही है. वाराणसी के गंगा घाट के उसपार रेत में गुजरात के केवरिया की तर्ज पर बड़े से भूभाग पर बड़ा तंबूओं का शहर जिसे टेंट सिटी कहते हैं, बनाया जा रहा है.

पहले फेज में इस टेंट सिटी में गंगा किनारे 280 लग्जिरीयस टेंट लोगों के लिए रहेंगे. मकर संक्रांति के बाद 15 जनवरी से इसमें पर्यटक रहना भी शुरू कर देंगे और इसकी बुकिंग अभी से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से शुरू हो चुकी है.

पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से ना केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आस्थावानों की गंगा गोद में रहने का मौका भी मिलेगा.

वाराणसी विकास प्राधिकरण के टाउन प्लानर मनोज कुमार ने बताया कि पिछले एक दो-साल से टेंट सिटी पर विचार हो रहा था, लेकिन कोरोना के चलते यह आगे नहीं बढ़ पा रहा था. काशी में अनोखे अनुभव के लिए टेंट सिटी की परिकल्पना की गई थी. गंगा के सामने से पूरा गंगा घाट अर्धचंद्राकार दिखता है, इसीलिए इस जगह को चुना गया है और इससे लोगों को एक आध्यात्मिक एहसास भी होगा.

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सुविधाओं के बारे में उन्होंने बताया कि अध्यात्म के अलावा भी टेंट सिटी में आधुनिक सुविधाएं भी होंगी, जिसमें कांफ्रेंस, बैंकवेट हॉल, रेस्टूरेंट, लाइब्रेरी, जिमनेजियम की भी सुविधा रहेगी. इसके अलावा कुछ वाटर स्पोर्ट्स भी जोड़ा जाएगा.

उन्होंने बताया कि जनवरी के पहले-दूसरे सप्ताह से टेंट सिटी आपरेशनल हो जाएगा. टेंट सिटी PPP माॅडल पर संचालित है और सरकार का इसमें निवेश नहीं हुआ है. मार्केट के डिमांड के आधार पर टेंट सिटी में काॅटेज का दर निर्धारित होता रहेगा. कम कॉस्ट से लेकर मीड और हाई कॉस्ट वाले काॅटेज उपलब्ध रहेंगे.

मनोज कुमार ने बताया कि लोकल पाक कला खानपान के भी स्टॉल रहेंगे और काशी की संस्कृति और लोककला का भी प्रदर्शन होता रहेगा. उन्होंने आगे बताया कि PPP मॉडल पर आधारित टेंट सिटी कई फेज में विकसित होगी. पहले फेज में 600 टेंट का लक्ष्य है. लेकिन अभी 280-300 टेंट लांच हो रहा है.

निजी कंपनी से टेंट सिटी के जनरल मैनेजर वरूण कुमार पांडेय ने बताया,

आध्यात्मिक नगरी को देखते हुए नो लिकर और नो नॉनवेज की पॉलिसी के तहत ही टेंट सिटी संचालित होगा. जहां तक बनारस के कूजिन की बात है तो बनारस के सभी कूजिन टेंट सिटी में उपलब्ध रहेंगे. जिसका लाभ पर्यटक उठा पाएंगे. सुबह के वक्त गंगा आरती पर्यटकों को देखने को मिलेगी तो शाम के वक्त कथक, ठुमरी, कजरी जैसे पर्मामेंस भी देखने को मिलेगा. सभी पर्यटकों को नाव के द्वारा गंगा आरती दिखाई जाएगी और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए भी उनके टेंट सिटी से सुविधा रहेगी.

वरूण कुमार

उन्होंने बताया कि मार्केट से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. कोशिश है कि 10 जनवरी तक काम खत्म कर लिया जाए, लेकिन टेंट सिटी में लोग 15 जनवरी से ही ठहरेंगे. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बुकिंग की जा सकती है.

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