MLC स्नातक चुनाव से पहले सपा के कैंडिडेट और एमएलसी आशुतोष सिन्हा का नाम ही वोटर लिस्ट से गायब! गजब बवाल
वाराणसी स्नातक निर्वाचन चुनाव से पहले बड़ी चूक. सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा और उनके परिवार का नाम वोटर लिस्ट से बाहर. जिलाधिकारी से शिकायत, 8 जिलों में मतदाता सूची में लापरवाही और गड़बड़ी का आरोप.
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उत्तर प्रदेश में आगामी विधान परिषद स्नातक निर्वाचन चुनाव से पहले मतदाता सूची में एक बड़ी और चौंकाने वाली अनियमितता सामने आने का दावा किया जा रहा है. वाराणसी स्नातक सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के मौजूदा स्नातक एमएलसी और वाराणसी-मिर्जापुर खंड से एक बार फिर प्रत्याशी बनाए गए आशुतोष सिन्हा का नाम ही वोटर लिस्ट से गायब बताया जा रहा है. उनके परिवार के सदस्यों के नाम भी सूची में शामिल नहीं किए गए हैं. सपा एमएलसी का दावा है कि उन्होंने तय प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के लिए आवेदन भी किया था फिर भी उनके साथ ऐसा हुआ.
इस गंभीर खामी के बाद एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने वाराणसी के जिला अधिकारी और मंडलायुक्त के पास पहुंचकर न सिर्फ शिकायत दर्ज कराई है बल्कि कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है. स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने अपने शिकायती पत्र में वाराणसी स्नातक खंड के आठों जनपदों में व्यापक अनियमितताओं की गंभीर शिकायत की है. एमएलसी सिन्हा ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची निर्माण प्रक्रिया में वाराणसी स्नातक खंड के अंतर्गत आने वाले आठों जिलों, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र और बलिया में गंभीर लापरवाही की गई है. ऐसे में चुनाव के दौरान अनियमितताओं और भेदभाव की प्रबल संभावना है.
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आशुतोष सिन्हा ने अपनी व्यक्तिगत शिकायत में स्पष्ट किया है कि 'मैं और मेरे परिवार के सदस्य जिन्होंने विधिवत रूप से स्नातक एमएलसी वोटर बनने के लिए क्वींस कॉलेज बूथ पर आवेदन किया था हमारी नामांकन प्रक्रिया के बावजूद मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं. इसी तरह इस मंडल के दूसरे जिलों में भी समान शिकायतें दर्ज की गई हैं. इससे स्पष्ट होता है कि मतदाता सूची निर्माण में व्यापक स्तर पर लापरवाही और गैरकानूनी काम हो रहे हैं.
सपा एमएलसी ने दी चेतावनी
सपा प्रत्याशी आशुतोष सिन्हा ने निर्वाचन अधिकारियों से इस गंभीर चूक पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सभी आठों जिलों में सभी मतदाता संग्राहक केंद्रों की पूरी प्रक्रिया की व्यापक, पारदर्शी और तीव्र जांच कराई जाए. उनके और उनके परिवार के सदस्यों के नाम के साथ-साथ अन्य पात्र मतदाताओं के नाम तुरंत मतदाता सूची में जोड़े जाएं. जिन अधिकारियों और कर्मियों ने इस प्रकार की अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और भेदभाव को किया है उनके खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
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सपा एमएलसी ने मांग की है कि इस पूरे मामले की रिपोर्ट शासन और निर्वाचन आयोग को भेजी जाए. आशुतोष सिन्हा ने चेतावनी दी है कि अगर इस गंभीर मामले में सात दिनों के भीतर कदम नहीं उठाए गए तो वह हाई कोर्ट, लोकायुक्त और निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराएंगे. साथ ही, आंदोलन भी करेंगे. सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ने भी इस पूरे मामले को बड़ी लापरवाही बताया है. सपा ने कहा है कि मौजूदा एमएलसी और प्रत्याशी का नाम ही सूची से गायब होना चुनाव से पहले निर्वाचन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.











