BHU: पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती के मौके पर सामाजिक विज्ञान संकाय में कार्यक्रम का आयोजन

ब्रिजेश कुमार

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय पीठ ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर सोमवार को एक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया.

व्याख्यान के आयोजक पं. दीनदयाल उपाध्याय पीठ के समन्वयक प्रो. तेज प्रताप सिंह ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया.

अपने स्वागत भाषण में प्रो. सिंह ने यूक्रेन-रूस युद्ध का हवाला देते हुए विशेष रूप से पारंपरिक हार्ड पावर की बढ़ती अप्रचलन के बाद बाहरी संबंधों को प्रभावित करने में ‘सॉफ्ट पावर’ के बढ़ते महत्व को समझाया.

व्याख्यान के मुख्य वक्ता, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष, भारतीय संसद के पूर्व सदस्य डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने ‘पं. दीनदयाल उपाध्याय: सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और भारत की सॉफ्ट पावर’ विषय पर अपना विशेष व्याख्यान दिया.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

(प्रोफेसर तेजप्रताप सिंह)

डॉ. सहस्रबुद्धे के अनुसार भारत को वर्तमान में अपनी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने और फिर से जागृत करने में देशों के बीच अग्रणी के रूप में देखा जा सकता है और इस प्रकार संस्कृति को एक नरम शक्ति के रूप में उपयोग करके द्विपक्षीय और वैश्विक संबंधों में सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है. यह याद करते हुए कि स्वामी विवेकानन्द ने पहली बार ऐसा कैसे किया था.

डॉ. सहस्रबुद्धे ने कहा कि भारत जिस पथ पर चल रहा है उसके लिए राष्ट्रीय नेतृत्व को धन्यवाद कराना चाहिए.

ADVERTISEMENT

(डॉक्टर विनय सहस्रबुद्धे)

सत्र की अध्यक्षता सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. बिंदा परांजपे ने की. उन्होंने भारत जैसे बहुसांस्कृतिक राष्ट्र में सांस्कृतिक एकजुटता बनाए रखने के महत्व और चुनौतियों के बारे में बात की. कार्यक्रम के समापन पर प्रो. सिंह ने राजनीति विज्ञान विभाग के वरिष्ठ संकाय सदस्यों प्रो. अमरनाथ मोहंती और प्रो. अभिनव शर्मा और अन्य सदस्यों के साथ-साथ विभिन्न विभागों के सभी छात्रों को इस कार्यक्रम को शानदार बनाने के लिए धन्यवाद दिया.

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT