कौन हैं वाराणसी की चंदा देवी? जिन्होंने पीएम मोदी के चुनाव लड़ने का प्रस्ताव ठुकराया

रोशन जायसवाल

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Varanasi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लिया. वाराणसी दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी संसदीय क्षेत्र के सेवापुरी गांव पहुंचे. यहां पर विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान ‘मेरी कहानी मेरी जुबानी’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया. वहीं इस मौके पर एक भाषण ने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचा. वह भाषण था चंदा देवी का. चंदा देवी ने पीएम मोदी के चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मंच से ही ठुकरा दिया. आइए जानते हैं कौन हैं चंदा देवी.

ठुकराया पीएम मोदी का ऑफर

दरअसल, वाराणसी के सेवापुरी गांव में चंदादेवी भाषण दे रही थीं. पीएम मोदी उनके भाषण से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा, ‘आप तो बहुत अच्छा भाषण देती है. क्या आपने कभी चुनाव लड़ा है?’ इस पर चंदादेवी ने इनकार कर दिया.  आगे पीएम मोदी ने पूछा, ‘क्या चुनाव लड़ेंगी?’ जवाब देते हुए चंदादेवी ने कहा, ”हमने कभी चुनाव लड़ने का नहीं सोचा है. हम आपसे ही प्रेरित होते हैं. आपके सामने खड़े होकर मैंने मंच पर दो शब्द कहे हैं, मेरे लिए यही गर्व की बात है.’ पीएम मोदी और चंदादेवी के बीच बातचीत का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है.

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कौन हैं चंदा देवी

बता दें कि 35 साल की चंदादेवी रामपुर गांव की रहने वालीं हैं. चंदादेवी ‘लखपति दीदी’ हैं. ये केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसके तहत सरकार की दो करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है. चंदादेवी ने बताया कि साल 2004 में इंटर की परीक्षा पास की थी. अगले ही साल 2005 में लोकपति पटेल से उनकी शादी हो गई थी. शादी के बाद उनकी पढ़ाई छूट गई. अभी चंदादेवी के दो बच्चे हैं. बड़ी बेटी प्रिया 14 साल की है और हिंदी मीडियम से प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करती है. छोटा बेटा 8 साल का अंश है जो अभी सरकारी स्कूल में पढ़ता है.

करती हैं लोन दिलाने का काम

यूपीतक से बात करते हुए चंदा देवी ने कहा कि, ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ के शुरुआत हुई, तब से ही उन्होंने अपने गांव में समूह अध्यक्ष के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था. पिछले महीने 19 महीने से वो बरकी गांव के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की बैंक सखी हैं. चंदादेवी बताती हैं कि वो जरूरतमंदों को लोन दिलाने से लेकर गांव की सहायता समूह की महिलाओं के लगभग 80-90 बैंक खातों को देखती हैं. उनका कहना है कि इस का मसे उनके परिवार में कोई दिक्कत नहीं है और सभी सपोर्ट करते हैं.

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क्यों ठुकराया पीएम मोदी का ऑफर

पीएम मोदी के चुनाव लड़ने के ऑफर को इनकार करने के सवाल पर चंदादेवी ने बताया कि उनके ऊपर परिवार की काफी जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि उनकी सास की उम्र 70 साल है, जो अक्सर बीमार रहती हैं. दो बच्चे हैं. खेती-बाड़ी में भी हाथ बंटाना पड़ता है. इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकती हैं. उन्होंने बताया कि परिवार से दूर होकर कोई काम करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं वही काम करूंगी जो परिवार के साथ रहकर कर सकूं. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी से बात करने से पहले थोड़ा डर और हिचक थी, लेकिन उनका व्यवहार देखकर सब दूर हो गया.

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