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वाराणसी में यहां हर महीने खरीदा जा रहा 2000 टन गोबर! बेचकर कमाइए पैसा, जानिए पूरी डिटेल

यूपी तक

UP News: हम आपको वाराणसी दुग्ध संघ की एक खास पहल की जानकारी देने जा रहे हैं. इस पहल में पशुपालकों को दूध से पहले गोबर के दाम मिल रहे हैं.

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गोबर से कमाई (AI PIC)
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उत्तर प्रदेश में किसान अब गोबर बेचकर भी आमदनी कर रहे हैं. इसका एक उदाहरण वाराणसी में देखने को मिल रहा है. आपको यहां हम वाराणसी दुग्ध संघ की एक खास पहल की जानकारी देने जा रहे हैं. इस पहल में पशुपालकों को दूध से पहले गोबर के दाम मिल रहे हैं. आपको बता दें कि गुजरात की बनास डेयरी वाराणसी दुग्ध संघ का प्लांट चला रही है. यहां हर महीने औसतन 2000 टन गोबर खरीदा जा रहा है. पशुपालकों को गोबर के लिए हाल में करीब 2.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.

दूध के साथ गोबर बेचने का नया मॉडल

ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी कोऑपरेटिव द्वारा शुरू किया गया यह मॉडल पशुपालकों की आय बढ़ाने का एक बेहतरीन उदाहरण है. डेयरी कोऑपरेटिव अब दूध के साथ-साथ गोबर की खरीदारी भी कर रही हैं. हमारी सहयोगी वेबसाइट किसान तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक पशुपालक रोजाना सुबह दूध बेचने डेयरी प्लांट जाते हैं तो साथ में गोबर भी लेकर जाते हैं. पशुपालकों से 50 पैसे प्रति किलोग्राम के हिसाब से गोबर खरीदा जा रहा है. प्लांट में प्रवेश के साथ ही पहले गोबर बिकता है और बेचे गए गोबर का भुगतान तुरंत ही पशुपालकों के खाते में कर दिया जाता है. वाराणसी प्लांट वर्तमान में रोजाना 1.35 लाख लीटर दूध खरीद रहा है. यह आंकड़ा जल्द ही डेढ़ लाख लीटर को छूने वाला है.

गोबर का क्या इस्तेमाल हो रहा है? 

वाराणसी प्लांट में खरीदे गए गोबर से बायोगैस तैयार की जाती है. इस बायोगैस का इस्तेमाल मिल्क प्रोसेसिंग में किया जाता है. ये बायोगैस प्लांट की थर्मल और इलेक्ट्रिकल दोनों ही जरूरतों को पूरा करती है. मिल्क प्रोसेसिंग में गोबर गैस का इस्तेमाल होने से प्लांट को 50 पैसे प्रति लीटर दूध की बचत हो रही है. गोबर गैस की वजह से मीथेन गैस का उत्सर्जन भी कम हो रहा है. गोबर न फेंकने या जलाने की वजह से गंदगी और प्रदूषण कम करने में भी मदद मिल रही है. 

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गैस बनने के बाद बचे हुए गोबर की स्लरी (Slurry) बनती है. इसे वापस पशुपालकों को ही बेचा जाता है. जिन पशुपालकों से दूध खरीदा जाता है उन्हीं को यह स्लरी सस्ते दामों पर बेच दी जाती है. इसका इस्तेमाल वे अपने खेतों में उर्वरक के रूप में कर सकते हैं.

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