बम-बम बोल रहा है काशी: नए साल पर विश्वनाथ मंदिर में उमड़ी लाखों भक्तों की भीड़

रोशन जायसवाल

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Varanasi News: धर्म-अध्यात्म की नगरी काशी में नए साल की शुरूआत बगैर अपने आराध्य द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बगैर नहीं हो सकती है. यही आस्था का 2023 के पहले दिन जनसैलाब के रुप में बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में देखने को मिला. लाखों की संख्या में ना केवल वाराणसी और बल्कि देश के कोने-कोने से पहुंचे भक्तों ने बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन किए. सुबह से ही भक्त कतार में गंगाजल, दूध और पुष्प माला लिए अपनी बारी के इंतजार में नजर आए.पूरा विश्वनाथ धाम हर-हर महादेव और बाबा विश्वनाथ के उद्घोष से गुंजायमान होता रहा.

भगवान भास्कर के आज दीदार ना होने के चलते भक्तों की भी बढ़ी ठंड ने जमकर परीक्षा ली. वर्ष के पहले दिन पिछली बार की तुलना में श्रद्धालुओ की संख्या रिकार्ड को तोड़ते हुए साढ़े 5 लाख तक पहुंच गई.

एक जनवरी को बाबा विश्नाथ की एक झलक पाने के लिए भोर से ही श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू हो गया था. मंगला आरती के पश्चात जैसे ही बाबा का पट आम दर्शनार्थियों के लिए खुला वैसे ही हर हर महादेव और ओम नमः शिवाय के जयकारे से पूरा परिसर गूंज उठा. श्रद्धालुओं ने वर्ष के पहले दिन बाबा का जलाभिषेक कर अपने पूरे साल सुखमय जीवन की मंगल कामना की.

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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी. जैसे ही दर्शनार्थियों के लिए बाबा का पट खोला गया वैसे ही लंबी कतार लग गई. मंगला आरती के पश्चात रात्रि तक करीब साढ़े 5 लाख से अधिक दर्शनार्थियों ने बाबा के दर्शन पूजन किए. जो पिछली बार से कही ज्यादा है.

उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए हर एक सुविधा मंदिर में उपलब्ध कराई गई थी. वॉलिंटियर्स भी लगाए गए थे. ताकि किसी भी श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो. श्रद्धालुओं की व्यवस्था देखने के लिए वाराणसी के मंडलायुक्त श्री कौशल राज शर्मा भी मंदिर पहुंचे.

यूपीतक से खास बातचीत में विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए विशेष व्यवस्था वर्ष के पहले दिन की है. ना केवल कतार लगाने के लिए बैरिकेडिंग, बल्कि पेयजल की भी व्यवस्था की है. चारो मार्गों से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है. कोशिश यह है कि श्रद्धालुओं को कम से कम वक्त में अच्छी सुविधा के साथ 15 मिनट में दर्शन करा दिया जाए.

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उन्होंने बताया कि भीड़ को देखते हुए स्पर्श दर्शन पर रोक है और सिर्फ झांकी दर्शन ही कराया जा रहा है. वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य बृजभूषण ओझा ने बताया कि सनातनी नववर्ष ना होने के बावजूद भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बाबा विश्वनाथ के दरबार में करने आई है. इसी प्रकार का उत्साह लोगों को सनातनी नववर्ष में भी दिखाना चाहिए.

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