Chandra Grahan: 15 दिनों में दूसरा ग्रहण, ज्योतिष के हिसाब से जानिए चंद्र ग्रहण का असर

रोशन जायसवाल

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Varanasi News: भारत में 8 नवंबर 2022 को चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022)  दिखाई देगा. खास बात यह है कि यह चंद्रग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है. 8 नवंबर 2022 को कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि भी है. पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को देव  दिवाली का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. गौरतलब है कि ज्योतिष की मान्यता के अनुसार देव दिवाली के दिन चंद्र ग्रहण लगने से इसका महत्व और भी बढ जाता है. इसी के साथ बता दें कि इस बार काशी में देव दिवाली, चंद्रग्रहण के चलते एक दिन पहले यानी 7 नवंबर को मनाई जाएगी.

वाराणसी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य और ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने कहा कि, यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसका सूतक भी रहेगा. उन्होंने आगे बताया कि चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले से ही शुरू हो जाता है.

बता दें कि ग्रहण की शुरुआत भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2:41 से होगी और यह चंद्र ग्रहण शाम 6:20 तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने आगे कहा कि,  ग्रहण के समय ज्यादा से ज्यादा दान पुण्य करना चाहिए और भगवान को याद करना चाहिए. इसी के साथ गायत्री मंत्र का भी इस दौरान जाप करना चाहिए.

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गौरतलब है कि यह ग्रहण अमेरिका में पूर्ण चंद्रग्रहण के रूप में दिखेगा तो वहीं भारत के कुछ हिस्सों में पूर्ण और अधिकतर हिस्सों में आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देगा. चंद्र उदय का समय अलग-अलग स्थानों के हिसाब से अलग अलग रहता है. यह ग्रहण चंद्र उदय के साथ दिखाई देगा. बताया गया है कि ग्रहण की शुरुआत भारत में दोपहर से होगी और इस समय यहां चंद्रमा दिखाई नहीं देगा, लेकिन जैसे-जैसे शाम होगी सूर्य अस्त होगा चंद्र उदय के साथ ही ग्रहण दिखने लगेगा.

सूतक का समय रहेगा अलग-अलग

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ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने कहा कि,  भारत में चंद्रग्रहण के चंद्र उदय के साथ शाम 5:20 से दिखने लगेगा. इसी के साथ यह चंद्रग्रहण मेष राशि में होगा.  ग्रहण का सूतक ग्रहस लगने से 9 घंटे पहले यानी सुबह 8:20 से शुरू हो जाएगा. सूतक शाम 6:20 पर समाप्त हो जाएगा. उन्होंने बताया कि अलग-अलग क्षेत्रों में चंद्र उदय का समय अलग अलग होता है. इस वजह से ग्रहण का सूतक का समय भी अलग-अलग रहेगा.

बता दें कि साल 2022 का आखिरी चंद्रग्रहण भारत समेत कई एशियाई द्वीपों दक्षिण पूर्वी यूरोप ऑस्ट्रेलिया उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका पेसिफिक अटलांटिक और हिंद महासागर में दिखाई देगा. जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण होता है. वैसे तो चंद्रग्रहण और सूर्य ग्रहण एक भौगोलिक घटना है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसका बहुत अधिक महत्व बताया जाता है.

हो सकते हैं ये बदलाव

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पंडित मालवीय ने बताया कि “15 दिनों में होने वाला यह दूसरा ग्रहण है जो भारत में दिखेगा. उन्होंने आगे बताया कि अगर 15 दिनों में दो ग्रहण होते हैं तो प्राकृतिक आपदाएं आती हैं या मौसम में अचानक बड़ा बदलाव आ सकता है. इसी के साथ आंधी भूकंप या लैंडस्लाइड होने की भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसी के साथ औद्योगिक विकास कार्यों में गिरावट से लेकर व्यवसायिक वर्ग में भी चिंता बनी रह सकती है. उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा, देश की आंतरिक सुरक्षा पर भी चिंता रहती है.

वाराणसी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य और ज्योतिषाचार्य पंडित मालवीय ने आगे कहा कि, 8 नवंबर 2022 को चंद्रग्रहण होने के कारण काशी वाराणसी में देव दिवाली का पर्व 7 नवंबर को ही मनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए. चंद्र ग्रहण का सूतक काल अशुभ माना जाता है, इसलिए मंदिर के कपाट बंद कर देना चाहिए और मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए.

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