‘कूदकर जान दे दूंगी…’, सिपाही का शव देखते ही फफक पड़ी मंगेतर, दो महीने बाद होनी थी शादी

सिमर चावला

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Kannauj Case : कन्नौज जिले में हिस्ट्रीशीटर और उसके परिवार से मुठभेड़ के दौरान बलिदान हुए सिपाही सचिन राठी का शव बुधवार सुबह में गांव शाह डब्बर पहुंचा. यहां पूरे गांव ने बलिदानी सचिन राठी को अंतिम विदाई दी, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार हुआ. सचिन के मौत से उनके परिवार में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में शोक की लहर है. बेटे का शव देखकर सचिन के बुजुर्ग पिता अपने आंसूओं को नहीं रोक पा रहे थे. नम आंखों से वो बस यहीं कर रहे थे कि कुछ दिनों बाद सचिन की बारात निकलने वाली थी पर आज उसकी अंतिम यात्रा निकल रही है.

सिपाही का शव देखते ही फफक पड़ी मंगेतर

बता दें कि सिपाही सचिन राठी की महिला कॉन्स्टेबल कोमल से 5 फरवरी को शादी होनी थी. सचिन के मौत के बाद उनकी मंगेतर का भी रो-रो कर बुरा हाल है. सचिन का शव देखने के बाद वह बदहवास होकर बोल रही थी, ”मुझे भी साथ ले चलो, नहीं तो गाड़ी से कूदकर जान दे दूंगी. कैसे मौत हुई है, पहले मुझे यह बताओ.’ सचिन राठी वर्ष 2019 में यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे. सचिन राठी का रिश्ता उनके साथ यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात कोमल निवासी बसेड़ा से तय हुआ था. सगाई हो चुकी थी तथा आगामी पांच फरवरी को शादी होनी तय हुई थी.

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दो महीने बाद होनी थी शादी

बता दें कि मामला थाना बिशुनगढ क्षेत्र के ग्राम धरनी धीरपुर नगरिया का है, जहां सोमवार शाम पुलिस टीम हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुन्ना यादव को पकड़ने गई थी. उसके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हुआ था. लेकिन घर के बाहर पहुंचते ही हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. इसमें अशोक यादव का बेटा भी शामिल था. जब तक पुलिस कुछ समझ पाती एक गोली सिपाही सचिन राठी को लग गई. वो जमीन पर गिर पड़े. लहूलुहान हालत में आनन-फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जहां हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने कानपुर हायर सेंटर रेफर कर दिया. लेकिन बदकिस्मती से सचिन को नहीं बचाया जा सका.

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