इटावा: सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे दबंगों ने लेखपाल पर किया हमला, मोबाइल छीनकर हुए फरार
इटावा में सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत पर गए लेखपाल पर दबंगों ने हमला कर दिया. जिससे लेखपाल घायल हो गया. जिसके बाद दबंग…
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इटावा में सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत पर गए लेखपाल पर दबंगों ने हमला कर दिया. जिससे लेखपाल घायल हो गया. जिसके बाद दबंग सरकारी दस्तावेज और मोबाइल फोन छीनकर दबंग फरार हो गये. बता दें कि इटावा शहर में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे लगातार हो रहे हैं. जिसको रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
वहीं घटना की जानकारी पर तहसीलदार समेत भारी संख्या में कर्मचारी मौके पर पहुंच गए. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है. घायल लेखपाल को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है.
लेखपाल ने दबंगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी है. जानकारी के मुताबिक इटावा फ्रेंड्स कॉलोनी क्षेत्र के अंतर्गत एकता कॉलोनी में एक सरकारी भूमि पर नींव भरकर निर्माण कार्य होने जा रहा था. तभी क्षेत्र के लेखपाल शिवराज सिंह मौके पर पहुंचे तो उन्होंने इस कार्य को रोकने का प्रयास किया. तभी दबंगों ने उनको गिरा कर पिटाई कर दी और सिर में ईट मार दी. जिससे उनका सर फट गया और वह बेहोश होकर गिर गए.
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इस घटना के बारे में स्थानीय लोगों ने पुलिस को जानकारी दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने लेखपाल को अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं घटना स्थल से आरोपी फरार हो गए. थाना फ्रेंड्स कॉलोनी में मामला दर्ज करा लिया गया है और पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है.
पीड़ित लेखपाल शिवराज सिंह ने बताया कि चकरोड पर दबंगो द्वारा कब्जे की शिकायत पर फ़्रेंड्स कॉलोनी क्षेत्र के अड्डा निहाल एकता कॉलोनी पहुंचे थे. घटनास्थल पर प्लाट पर काम करवा रहे दबंगों से काम रोकने के लिए जैसे ही लेखपाल ने कहा वैसे ही दबंगों ने लेखपाल के साथ मारपीट शुरू कर दी. बताया गया है कि लेखपाल के सिर में ईंट से प्रहार किया गया. जिससे उनके सिर में चोट लगी है. वहीं इस घटना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि दोपहर पुलिस को सूचना प्राप्त हुई थी एकता कॉलोनी के पूर्वी हिस्से में लेखपाल शिवराज सिंह के साथ कुछ लोगों ने मारपीट कर दी है. मारपीट करने वाले देवेंद्र और योगेंद्र यादव की तलाश जारी है. लेखपाल से तहरीर प्राप्त हो गई है, मेडिकल के बाद कार्रवाई की जा रही है. जाने से पहले लेखपाल ने किसी प्रकार की थाने में सूचना नहीं दी थी.
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