बरेली की टीचर का दिव्यांग बच्चों के लिए ये काम है चर्चा में, PM मोदी कर चुके हैं तारीफ

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बरेली (Bareilly) जिले के गंगापुर डभौरा प्राथमिक विद्यालय की सहायक शिक्षिका दीपमाला पांडे का नाम जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में लिया तो हर किसी के मन में इनकी सराहनीय कोशिश और उसके परिणाम को जानने की ललक पैदा हो गई. दीपमाला पांडे को अब इलाके में हर कोई जानने लगा है. इससे पहले इन्हें वो दिव्यांग बच्चे और उनके परिवार के लोग जानते थे जो शिक्षा की ज्योति में बैठकर ज्ञान का उजियारा कर रहे हैं.

दीपमाला ने बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए वन टीचर वन कॉल अभियान शुरू किया. इसका परिणाम ये हुआ कि अभी तक कुल 600 दिव्यांग बच्चे इस मुहिम से जुड़ चुके हैं और वे इन्हें स्कूल पहुंचा चुकी हैं. इस अभियान को फलीभूत करने के लिए इन्होंने सोशल मीडिया को जरिया बनाया. दीपमाला ने इस अभियान से कई शिक्षकों को भी जोड़ लिया है.

दिव्यांग बच्चा अनमोल बना इस योजना के लिए प्रेरणा

दीपमाला बताती हैं कि 13 साल पहले इसका आइडिया आया और इन्होंने इस अभियान को शुरू किया. दरअसल इस अभियान के पीछे एक दिव्यांग बच्चा अनमोल का मासूम चेहरा है जिसने दीपमाला को ये सब करने के लिए प्रेरित किया. दीपमाला ने बताया कि आज भी अनमोल का चेहरा याद है.

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दीपमाला बताती हैं कि यह बात करीब 13 साल पुरानी है, जब स्कूल में इन्होंने एक दिव्यांग बच्चे को देखा. वो अलग-थलग था. अनमोल का पढ़ाई करने का बड़ा मन था पर उसके सामने कई चुनौतियां थीं. ऐसे में इन्होंने उसे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया. खुद कई पुस्तकें खरीद कर दीं. साइन लैंग्वेज भी सिखाई. उसे उसकी भाषा में सिखाया तो वो काफी हद तक सीख गया. तब से उन्होंने ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिज्ञा कर ली.

एनसीईआरटी में समाजसेवी शिक्षा का लिया प्रशिक्षण

दीपमाला पांडे ने बताया कि इन्होंने इसके लिए एनसीईआरटी में समाजसेवी शिक्षा का प्रशिक्षण भी लिया है. इसके बाद इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. दिव्यांग बच्चों की शिक्षित करने के लिए लिए तन-मन-धन से जुट गईं.

ये है वन टीचर वन कॉल

दरअसल दीपमाला के मन में ये बात आई कि जिले भर में करीब 3000 टीचर हैं. यदि एक टीचर एक बच्चे की भी जिम्मेदारी ले लेगा तो 3000 दिव्यांग बच्चे शिक्षित होकर मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे. इसके लिए बकायदा इन्होंने बीआरसी के सहयोग से प्रोफेशनल लर्निंग कोर्स का प्रशिक्षण शिक्षकों को दिलाना शुरू कर दिया ताकि वे शिक्षक बच्चों को आसानी से पढ़ा सकें.

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वन टीचर वन कॉल मिशन से जुड़ने के लिए इन्होंने सोशल मीडिया को हथियार बनाया. पहले इस मुहीम से जुड़ने में शिक्षक कतराते थे, फिर बाद में वे भी बड़े उत्साह से जुड़ने लगे. अब बरेली के अलावा पीलीभीत, हरदोई, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, अयोध्या समेत कई जिलों से शिक्षक इनकी योजना से जुड़ चुके हैं.

पीएम मोदी की तरीफ के बाद तेजी से जुड़ रहे शिक्षक

पीएम मोदी ने बीते दिनों मन की बात (Man Ki Baat) में दीपमाला पांडे की तारीफ कर दी. इस तारीफ के बाद वे फेमस हो गईं और दूर-दराज के जिलों से भी शिक्षक इस मुहीम से जुड़ने के लिए उनसे कॉन्टैक्ट करने लगे हैं. दीमाला बताती हैं कि अभी तक 200 टीचर इससे जुड़ चुके हैं. दीपमाला ने कहा- अपने अभियान का यही लक्ष्य है कि एक भी दिव्यांग बच्चा घर में बैठा न रहे.

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