अमेठी में जिस संजय गांधी अस्पताल को सरकार ने किया सील, उसके अंदर की पूरी कहानी जानिए

अभिषेक त्रिपाठी

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Amethi News: अमेठी का संजय गांधी अस्पताल लगातार चर्चाओं में बना हुआ है. अब इस अस्पताल को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि संजय गांधी अस्पताल को बंद कर दिया गया है. जिला प्रशासन के आदेश के बाद इस अस्पताल को बंद किया गया है. अस्पताल के बंद हो जाने से अमेठी और आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि संजय गांधी अस्पताल के बंद होने के बाद अब इस मामले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. अमेठी कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है और राज्यपाल को ज्ञापन देकर अस्पताल फिर से खोलने की मांग की है.

आखिर क्यों लिया गया अस्पताल के खिलाफ ये एक्शन

दरअसल 4 दिन पहले मुसाफिरखाना के रामशहपुर गांव की रहने वाली दिव्या शुक्ला अपने परिजन के साथ पथरी का ऑपरेशन कराने के लिए संजय गांधी अस्पताल में आई थी. यहां उसे ऑपरेशन के दौरान इंजेक्शन दिया गया. मिली जानकारी के मुताबिक, इसके बाद वह उसकी हालत खराब हो गई और वह कोमा में चली गई. उसे लखनऊ रेफर किया गया. मगर यहां एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई.

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बता दें की मरीज की मौत के बाद मृतका के परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल के सामने शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया था. परिजनों द्वारा अस्पताल से 1 करोड़ की सहायता राशि की मांग की गई. इसी के साथ आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. पीड़ित परिवार की तहरीर पर जिला प्रशासन की तरफ से अस्पताल के 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.

जिला प्रशासन ने जारी किया अस्पताल को बंद करने का आदेश

बता दें कि इस मामले में जिला अस्पताल के द्वारा संजय गांधी अस्पताल को नोटिस जारी किया गया था. इसके 48 घंटे बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. इसके बाद अस्पताल की ओपीडी सेवाओं को भी बंद कर दिया गया. अस्पताल की सुरक्षा को देखते हुए पीएसी समेत कई थानों की फोर्स भी लगा दी गई है.

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अस्पताल बंद होने से आई भारी परेशानी

माना जा रहा है कि संजय गांधी अस्पताल राजनीति की भेट चढ़ गया है. मगर इस अस्पताल के बंद हो जाने से अस्पताल में काम करने वाले करीब 400 लोगों और उनके परिवार के ऊपर संकट खड़ा हो गया है. इसी के साथ मरीजों को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन

संजय गांधी अस्पताल के बंद होने और मरीजों को लगातार हो रही समस्या को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अस्पताल के लाइसेंस को फिर से बहाल करने को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है की राजनीति के चलते अस्पताल को बंद कर दिया गया है.  

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क्या कहा सीएमओ ने

इस पूरे मामले पर (सीएमओ) डॉक्टर अंशुमान सिंह ने बताया, “X (पूर्व ट्विटर) से प्राप्त शिकायत के आधार पर उच्च स्तरीय जांच में अस्पताल की कमी पाई गई, जिसके बाद अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है. भर्ती हुए 20 मरीजों का इलाज करने का भी निर्देश दिया गया है.”

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