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शादीशुदा महिला ने खुद को यादव बता बनाए संबंध फिर किया रेप, SC/ST का केस! कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

आनंद राज

Prayagraj news: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेप और कथित तौर पर जातिसूचक अपमान के लिए लगाए गए एससी-एसटी एक्ट से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है.

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Court Room Representative image from Meta AI
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Prayagraj news: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेप और कथित तौर पर जातिसूचक अपमान के लिए लगाए गए एससी-एसटी एक्ट से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने इस फैसले को सुनाते हुए एक जरूरी टिप्पणी में कहा है कि यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में कानून महिलाओं का पक्षधर है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हमेशा पुरुष ही गलत हो, महिला की भी गलती हो सकती है. हाईकोर्ट ने पुरुष को बरी करते हुए कहा कि केस पर निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए परिस्थितियों का आकलन करना हमेशा बेहद महत्वपूर्ण होता है. न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति नंद प्रभा शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि सबूत पेश करने की जिम्मेदारी सिर्फ आरोपी की ही नहीं है, बल्कि शिकायतकर्ता की भी है. हाई कोर्ट ने रेप के आरोपी को बरी करने के सत्र अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की है.

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