मुरादाबाद: गोकशी के आरोप में गिरफ्तार मोनू बिश्नोई के समर्थन में सड़कों पर उतरे बजरंग दल और VHP के कार्यकर्ता
मुरादाबाद में बजरंग दल नेता मोनू बिश्नोई को गोकशी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मोनू बिश्नोई की गिरफ्तारी के खिलाफ वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
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बजरंग दल नेता मोनू बिश्नोई को गोकशी के आरोप में जेल भेजने के खिलाफ हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया. वीएचपी और बजरंग दल के पदाधिकारी सहित कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए, तो पुलिस को भी उनको संभालना मुश्किल हो गया. मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के अंबेडकर पार्क में जिलाधिकारी मुरादाबाद को ज्ञापन देने को इकट्ठा हुए, लेकिन वहां पुलिस ने उनको पार्क का गेट बंद कर रोकने की कोशिश की और पार्क में ही ज्ञापन देने को कहा. मगर सैकड़ों की तादाद में वीएचपी और बजरंग दल कार्यकर्ता नहीं रुके और बीच सड़क पर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय जाने की कोशिश की, तो पुलिस और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच नोक-झोक भी देखने को मिली.
सीबीआई जांच की मांग
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने प्रदर्शन करने के बाद एसीएम 1 को ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेज मांग की है कि थाना प्रभारी छजलैट सहित पूरा छजलैट थाना सस्पेंड हो और मुरादाबाद के पुलिस के उच्च अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच हो. साथ ही जेल भेजे गए वीएचपी नेता मोनू विश्नोई को जल्द से जल्द रिहा कर जेल से निकाला जाए.
वीएचपी की तरफ से पुलिस के उच्च अधिकारियों पर ही साजिश के तहत वीएचपी नेताओं को फंसाए जाने और संगठन को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है.
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प्रदर्शन के संबंध में जानकारी देते हुए वीएचपी के केंद्रीय प्रबंधन समिति सदस्य डॉ राजकमल गुप्ता ने बताया कि निर्दोष मोनू बिश्नोई को गलत तरीके से फंसा कर जेल भेज दिया गया. जेल भेजने के साथ-साथ उसकी खूब पिटाई भी की गई.
उन्होंने कहा, "मैं बताना चाहता हूं कोई भी हिंदू गो हत्या नहीं कर सकता. हमारे द्वारा ज्ञापन देकर मांग की है कि इन पुलिस अधिकारियों पर सीबीआई जांच होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम पूरे देश में आंदोलन करेंगे."
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क्या था पूरा मामला?
मुरादाबाद में बजरंग दल का जिला प्रमुख सुमित उर्फ मोनू बिश्नोई सहित तीन साथियों को गोकशी के मामले में पकड़कर जेल भेजा था, जिसकी एसएसपी हेमराज मीणा, एसपी देहात संदीप कुमार मीणा द्वारा प्रेस कांफ्रेंस के जरिए खुलासा किया गया था. आरोप था कि मोनू बिश्नोई ने यह साजिश कर छजलैट थाना प्रभारी को हटवाने के लिए रची थी,जिसके लिए उसने साथियों के साथ मिलकर गोकशी को अंजाम दिया था. जिसके बाद अब बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिसमें ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की मांग की है और कहा गया है कि साजिश के तहत बजरंग दल कार्यकर्ता को फंसाया गया है.
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