कौशाम्बी के वन स्टाफ सेंटर से तीन लड़कियां हुईं लापता, अपहरण मामले में हो रही थी पूछताछ
Kaushambi News : उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. जिले के वन स्टॉप सेंटर से तीन लड़कियां अचानक गायब होने की खबर सामने आई है.
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Kaushambi News : उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. जिले के वन स्टॉप सेंटर से तीन लड़कियां अचानक गायब होने की खबर सामने आई है. तीनों के गायब होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. लापता होने की सूचना पुलिस को मिलते ही एएसपी अशोक कुमार वर्मा सहित महिला थाना की पुलिस फोर्स के साथ वन स्टॉप सेंटर पहुंचे. घण्टों जांच पड़ताल के बाद भी लड़कियों का कोई पता नहीं चल सका है.
लापता हुईं तीन लड़कियां
बता दें कि तीनों लड़कियां जिले के अलग-अलग थाने की बताई जा रही है. पुलिस ने तीनों लड़कियों को पकड़ने के कई टीम गठित कर कार्रवाई में जुट गई है. घटना मंझनपुर कोतवाली के जिला अस्पताल में बने सखी वन स्टॉप सेंटर का है. बताया जा रहा है कि कई दिन पहले सरायअकिल, पश्चिम शरीरा और संदीपन घाट थाना पुलिस ने तीनों पीड़ित लड़कियों अपरहण मामले में पूछताछ के लिए लाया गया था. लेकिन अचानक बृहस्पतिवार देर रात तीनों लड़कियां सेंटर से लापता हो गईं.
कड़ी सुरक्षा के बीच हुईं लापता
वहीं जब शुक्रवार की सुबह ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मी को लड़कियों के गायब होने की जानकारी हुई तो पूरे हमकमे में कड़कंप मच गया. आनन-फानन में एडीएसनल एसपी अशोक कुमार, डीपीओ नीरज कुमार वन स्टॉप सेंटर पहुच कर बारीकी से तफ़्तीश की और वन स्टॉप सेंटर इंचार्ज शशि त्रिपाठी से पूछताछ की. वही सेंटर में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी पुलिस ने खंगाला. कई घंटे बीत जाने के बाद भी लड़कियों का कोई सुराग नहीं पता चल सका. बताया जा रहा है कि सेंटर में कड़ी सुरक्षा रहती थी. गेट पर भी ताला लगा रहता था. इतनी कड़ी सुरक्षा की बीच लड़कियां कैसे लापता हो गईं, इसपर सवाल उठने लगे हैं.
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वहीं इस मामले में DSP अभिषेक सिंह ने बताया कि, '10 मई को पुलिस को सूचना मिली कि वन स्टॉप सेंटर से बिना बताए तीन लड़कियां गायब हो गई है. लड़कियों का पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीमें लगा दी गई हैं. जल्द ही तीनों को सकुशल बरामद कर लिया जाएगा.'
क्या है वन स्टॉप सेंटर
बता दें कि वन स्टॉप सेंटर योजना के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ऐसी महिलाओं को सहायता प्रदान करता है, जो शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक या यौन शोषण की मार झेल रही हैं. घर, दफ्तर या किसी भी अन्य जगह लिंग के आधार पर हिंसा झेलने वाली महिलाओं को तुरंत कानूनी, मेडिकल और अगर जरूरत है तो मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग प्रदान की जाती है.
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